क्या आप जानते हैं वाहनों की बिक्री पर सरकार और कंपनियों को होता है कितना मुनाफा?
भारत में आए दिन नए-नए वाहन जैसे कारें और बाइक्स आदि लॉन्च होते हैं। ग्राहक उनके नए-नए फीचर्स की ओर खिंचे चले जाते हैं और अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार वाहन खरीदते हैं। लेकिन, क्या आपको इस बारे में कोई भी जानकारी है कि किसी भी वाहन की बिक्री पर सरकार को कितने प्रतिशत मुनाफा मिलता है या कंपनी एक वाहन की बिक्री पर कितना कमाती है। अगर, नहीं जानते तो हम आपको यही बताने जा रहे हैं।
वाहनों के प्रकार के अनुसार मिलता है मुनाफा
किसी भी वाहन के बिक्री पर सरकार या कंपनी की कमाई उसके प्रकार पर निर्भर करती है। कई वाहनों पर सरकार को ज्यादा तो कई वाहनों पर कंपनी को ज्यादा मुनाफा मिलता है, क्योंकि वाहनों के प्रकार के अनुसार टैक्स लगाया जाता है। सरकार कंपनी से सभी प्रकार के वाहन की बिक्री पर टैक्स लेती है और यह टैक्स देना सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य है। कंपनियों को सरकार द्वारा निर्धारित की गई टैक्स की दरों को मानना होता है।
कंपनी को होता है दो पहिया वाले वाहन पर ज्यादा फायदा
एक रिपोर्ट के अनुसार सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष राजन वढेरा के मुताबिक कंपनियों को आमतौर पर तीन-छह प्रतिशत का मुनाफा मिलता है। कमर्शियल वाहनों की बिक्री पर तीन प्रतिशत तक और पैसेंजर वाहनों पर पांच से लेकर छह प्रतिशत तक का फायदा होता है। इसके साथ ही राजन के अनुसार कंपनियों को सबसे ज्यादा मुनाफा दो-तीन पहिया वाले वाहनों पर मिलता है। दोपहिया वाहन की बिक्री पर नौ प्रतिशत तक का फायदा होता है।
सरकार को मिलता है 60 प्रतिशत तक का मुनाफा
राजन के अनुसार सरकार की तरफ से ऑटो इंडस्ट्री पर 30 से लेकर 60 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अलग-अलग प्रकार के वाहनों पर अलग-अलग GST लिया जा रहा है। ऐसे में सरकार को वाहनों की बिक्री पर 60 प्रतिशत तक का मुनाफा हो रहा है। हालांकि, कई कंपनियों द्वारा सरकार से दरों को कम करने के लिए अनुरोध किया गया है।
लॉकडाउन के कारण लगा झटका
दरअसल, देश में फैले कोरोना वायरस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में मार्च में ही लॉकडाउन लागू कर दिया था। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के कारण कई सेक्टर प्रभावित हुए हैं, जिसमें एक ऑटो इंडस्ट्री भी है। इस वजह से कारखानें, शोरूम और डीलरशिप्स बंद हो गए और इसका असर बिक्री पर भी देखने को मिला है। इसलिए कंपनिया टैक्स की दरों को कम करने की मांग कर रही हैं।
बिक्री में आई 45 प्रतिशत तक की कमी
SIAM के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2018-19 जैसी स्थिति तक पहुंचने के लिए ऑटो इंडस्ट्री को कम से कम तीन से चार साल लग जाएंगे। इंडस्ट्री के अनुसार लॉकडाउन के कारण बिक्री में 26 से 45 प्रतिशत तक की कमी आई है। इससे निकलना मुश्किल है।
जून में आया सुधार
मई 2019 की तुलना में मई, 2020 मेंं कारों की बिक्री में लगभग 85 प्रतिशत कमी देखी गई थी। हालांकि, लॉकडाउन के कारण बिगड़ी हुई स्थिति में जून में सुधार देखने को मिला। मई के अपेक्षा जून में बिक्री बढ़ी। अगर पूछताछ और ऑर्डर आदि सब देखें तो जून में 85 प्रतिशत हालात वैसे हो गए हैं, जो कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले थे। यह ऑटो इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा संकेत है।