डोनाल्ड ट्रंप पॉर्न स्टार को 'हश मनी' देने के मामले में आज करेंगे कोर्ट में आत्मसमर्पण
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 'हश मनी' देने के मामले में आज न्यूयॉर्क के मैनहेटन की कोर्ट में आत्मसमर्पण करेंगे। ट्रंप इसके लिए अपने निजी विमान से सोमवार रात को न्यूयॉर्क पहुंच गए। बतौर रिपोर्ट्स, जज के सामने पेश होने से पहले ट्रंप के फिंगरप्रिंट लिए जाने की संभावना है। कोर्ट में वह मामले में आरोपी नहीं होने की दलील देंगे।
आत्मसमर्पण की कार्यवाही के दौरान क्या होगा?
बतौर रिपोर्ट्स, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया जाएगा और व्यापार रिकॉर्ड के बारे में गलत जानकारी देने के लिए आरोपी ठहराया जाएगा। हालांकि, ट्रंप को हथकड़ी नहीं पहनाई जाएगी और उन्हें जेल भी नहीं भेजा जाएगा। एक अधिकारी ने प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि ट्रंप का मगशॉट (पुलिस रिकॉर्ड में इस्तेमाल होने वाली तस्वीर) भी नहीं लिया जाएगा।
ट्रंप के वकीलों ने की कोर्ट में मीडिया कवरेज पर रोक की मांग
पूर्व संघीय अभियोजक टॉड ब्लैंच समेत ट्रंप के अन्य वकीलों ने कोर्ट से अपील की है कि कार्यवाही के दौरान वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और रेडियो कवरेज की अनुमति न दी जाए। उन्होंने मीडिया कवरेज के खिलाफ तर्क देते हुए कहा कि इससे मामले को लेकर सर्कस जैसा माहौल बन जाएगा और कार्यवाही के साथ-साथ कोर्ट रूम की गरिमा और शालीनता का खंडन होगा। ट्रंप के मामले की सुनवाई जस्टिस जुआन मर्चेन कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.3 लाख डॉलर के भुगतान की जांच से जुड़ा है, जिसमें ट्रंप को आरोपी ठहराया गया है। हालांकि, इन आरोपों को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। डेनियल्स ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2006 में उनके और ट्रंप के बीच अफेयर था और इस बात का पता चलने पर ट्रंप के वकीलों की एक टीम ने उन्हें चुप रहने के लिए 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भुगतान किया था।
दोषी पाए जाने पर ट्रंप को कितनी सजा हो सकती है?
इस मामले में अगर डोनाल्ड ट्रंप दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 4 साल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। दोषी पाए जाने के बाद भी ट्रंप 2024 में होने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं। अमेरिकी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी दोषी और सजायाफ्ता को राष्ट्रपति चुनाव में उतरने या फिर राष्ट्रपति बनने से रोकता हो।