UNSC: दो भारतीयों को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के पाकिस्तानी प्रस्ताव के विरोध में पांच देश
क्या है खबर?
अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम ने पाकिस्तान के उस प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला लिया है, जिसमें वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत दो भारतीय नागरिकों को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है।
इससे पहले इन देशों ने पाकिस्तान को इस संबंध में और सबूत जमा कराने का समय देते हुए प्रस्ताव लंबित रखा था। सबूत न मिलने पर इन देशों ने प्रस्ताव के विरोध का फैसला लिया है।
जानकारी
इन दो भारतीय नागरिकों के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव
अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस जहां UNSC के स्थायी सदस्य हैं, वहीं जर्मनी और बेल्जिम अस्थायी सदस्य हैं। जिन दो भारतीय नागरिकों के खिलाफ यह प्रस्ताव लाया जा रहा है उनके नाम गोबिंदा पटनायक डुग्गीवालसा और अप्पाजी अंगारा हैं।
प्रस्ताव का विरोध
भारत ने प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों को दिया धन्यवाद
संयुक्त (UN) राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बुधवार को ट्वीट किया, 'पाकिस्तान की आतंकवाद पर 1267 विशेष प्रक्रिया को धार्मिक रंग देकर उसका राजनीतिकरण करने की कोशिश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नाकाम कर दिया है। हम परिषद के उन सभी सदस्यों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के प्रस्ताव का विरोध किया है।'
इस विरोध को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
जानकारी
मसूद अजहर का बदला लेना चाहता है पाकिस्तान
नई दिल्ली का मानना है कि पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के वैश्विक आंतकी घोषित होने बौखलाया हुआ है। भारत ने पिछले साल अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफलता हासिल की थी। पाकिस्तान इसी का बदला लेना चाहता है।
UNSC
चीन की मदद से पाकिस्तान ने आगे बढाया था प्रस्ताव
पाकिस्तान ने जुलाई में UNSC के स्थायी सदस्य और अपने मित्र देश चीन की मदद से दो भारतीय नागरिकों को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया था।
पाकिस्तान का आरोप है इन दोनों का पेशावर और बलोचिस्तान में हुए आतंकी हमलों में हाथ है। पाकिस्तान ने उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की है।
इसके साथ पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में काम करने वाले चार भारतीयों को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश की थी।
जानकारी
अफगानिस्तान में काम कर रहे थे अंगारा और गोबिंदा
इससे पहले कि पाकिस्तान अपनी कोशिश में कामयाब होने की तरफ बढ़ पाता, ये चारों भारतीय नागरिक अफगानिस्तान छोड़कर वापस भारत लौट आए। अंगारा और गोबिंदा भी अफगानिस्तान में किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।
आरोप
पाकिस्तान ने अंगारा पर लगाए हैं ये आरोप
अंगारा काबुल के एक बैंक में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर काम कर रहे थे।
पाकिस्तान ने उन पर तहरीक-ए-तालिबान से निकले जमात-उल-अहरर के साथ मिलकर फरवरी, 2017 में लाहौर के माल रोड पर आतंकी हमला कराने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा 1267 प्रतिबंध समिति को सौंपे अपने डोजियर में पाकिस्तान ने अंगारा पर 16 दिसंबर, 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में शामिल रहने का आरोप लगाया है।
जानकारी
गोबिंदा पर भी आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप
इसी तरह गोबिंदा अफगानिस्तान में एक कंपनी के साथ काम कर रहे थे। उन पर जुलाई, 2018 में बलोचिस्तान में आतंकी हमला कराने का आरोप है। इस हमले में 160 लोगों की मौत हुई थी।