पाकिस्तान: फर्जी लाइसेंस के दम पर विमान उड़ा रहे हैं 40% पायलट- उड्डयन मंत्री
क्या है खबर?
कराची में गत 22 मई को हुए विमान हादसे की बुधवार को संसद में अंतरिम जांच रिपोर्ट पेश करते हुए पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री सरवर खान ने कहा कि पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट फर्जी लाइसेंस के दम पर विमान उड़ा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हादसे से पहले वार्निंग की बत्ती जल रही थी, लेकिन पायलटों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और वह कोरोना वायरस पर चर्चा करने में मशगूल रहे।
बयान
बिना परीक्षा दिए ही हासिल किया पायलट का लाइसेंस- उड्डयन मंत्री
गल्फ न्यूज़ के अनुसार, उड्डयन मंत्री ने अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश की 860 सक्रिय पायलट हैं। इनमें पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA), सेरेन एयर और एयर ब्लू पायलट भी शामिल हैं।
जांच में 262 पायलटों ने लाइसेंस के लिए किसी दूसरे को परीक्षा में बिठाया था। चार की तो डिग्री ही फर्जी हैं। इनके पास उड़ान का उचित अनुभव भी नहीं था। 40% फर्जी लाइसेंस धारकों में सैकड़ों ने तो कभी-कभार ही विमान उड़ाया है।
नियुक्ति
राजनीतिक आधार पर की जाती है पायलटों को नियुक्ति- उड्डयन मंत्री
उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि देश में पायलटों की नियुक्ति योग्यता के आधार नहीं बल्कि राजनीतिक आधार पर की जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक जिन पायलटों की नियुक्ति की गई हैं, उनमें मैरिट को नजरअंदाज किया गया है। इस मामले में 54 पायलटों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुछ पायलटों ने नोटिस को न्यायालय में चुनौती दी है। हालांकि, अब तक नौ पायलट फर्जी डिग्री की बात स्वीकार कर चुके हैं।
जिम्मेदारी
विमान हादसे के लिए पायलट और ATC को ठहराया जिम्मेदार
उड्डयन मंत्री ने विमान हादसे के लिए विमान के पायलट और हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि हादसे से पहले पायलट कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग भी उनके पास है।
उन्होंने कहा कि विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी। यह उड़ान के लिए पूरी तरह से फिट था। पायलट और को-पायलट ने पूरी उड़ान में किसी भी तकनीकी गलती का उल्लेख नहीं किया है।
अनदेखी
"पायलटों ने की ATC के निर्देशों की अनदेखी"
उड्डयन मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे से 10 समुद्री मील की दूरी पर विमान 2,500 फीट की ऊंचाई की जगह 7,220 फीट पर था। पायलट अति आत्मविश्वास में थे और उन्होंने ATC द्वारा ऊंचाई बढ़ाने के आदेशों पर भी ध्यान नहीं दिया। दोनों पायलट कोरोना वायरस से परिवार को बचाने की बातचीत मशगूल थे।
इसके बाद भी ATC ने उन्हें चेतावनी नहीं दी। पायलटों का यही आत्मविश्वास दुर्घटना का प्रमुख कारण बन गया।
आग
लैंडिंग गियर के बिना रनवे को छूने से लगी इंजन में आग- उड्डयन मंत्री
उड्डयन मंत्री ने कहा कि पायलटों ने बिना ध्यान दिए जल्दबाजी में लैंडिंग गियर के बिना ही रनवे पर उतरने का प्रयास किया।
इस दौरान रनवे से टकराने के कारण इंजन में आग लग गई। पायलटों के दूसरे प्रयास से पहले ATC ने उन्हें इंजन में आग लगने की जानकारी नहीं दी।
इसके बाद वह इंजन में आग तेजी से बढ़ती गई और आखिरकार वह आबादी क्षेत्र में जाकर क्रैश हो गया। इसमें पायलट और ATC की गंभीर लापरवाही है।
जानकारी
एक साल में प्रस्तुत की जाएगी पूरी रिपोर्ट
उड्डयन मंत्री ने कहा कि हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार है उसे पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाएगा और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वादा किया कि हादसे की पूर्ण जांच रिपोर्ट एक साल के अंदर प्रस्तुत कर दी जाएगी।
हादसा
विमान हादसे में गई थी 97 लोगों की जान
22 मई को लाहौर से कराची जा रहा PIA का विमान जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास क्रैश हो गया था।
इसमें विमान चालक दल सहित 97 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग चमत्कारिक रूप से बच गए थे।
इससे पहले पाकिस्तान में ऐसी दुर्घटना 7 दिसंबर, 2016 को हुई थी, जिसमें चित्राल से इस्लामाबाद जाने वाला एक PIA TR-42 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें चालक दल सहित सभी 48 यात्रियों की मौत हो गई थी।