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किसानों ने सेंट्रल लंदन को टैंकों और ट्रैक्टरों से घेरा, जानिए क्या है कारण
सेंट्रल लंदर की सड़कों पर जमा किसानों के ट्रैक्टर

किसानों ने सेंट्रल लंदन को टैंकों और ट्रैक्टरों से घेरा, जानिए क्या है कारण

Feb 11, 2025
08:10 pm

क्या है खबर?

ब्रिटेन की कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी की सरकार द्वारा लागू की गई नई उत्तारिधाकर कर योजना के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को देश के किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ राजधानी लंदन की ओर मार्च किया। इस मार्च में केवल ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि यूनियन जैक से सजे का युद्धक टैंक भी था। वर्तमान में किसानों ने पूरे सेंट्रल लंदन को ट्रैक्टरों से घेर रखा है। आइए यह पूरा मामला जानते हैं।

योजना

क्या है उत्तराधिकार कर योजना, जिसका विरोध कर रहे किसान?

बता दें कि स्टार्मर सरकार ने देश में विरासत कर में बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत 10 लाख पाउंड (लगभग 10.72 करोड़ रुपये) से अधिक मूल्य के खेतों पर 20 प्रतिशत का उत्तराधिकार कर लगाया जाएगा। यह नीति अप्रैल 2026 से लागू होगी। इस नीति से किसान समुदाय में भारी रोष व्याप्त है और वह इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस नीति से किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

विरोध

किसानों ने निकाला लंदन मार्च?

उत्तराधिकार कर के विरोध में किसानों ने सोमवार को ट्रैक्टरों के साथ 'लंदन मार्च' निकाला। इसमें देशभर के किसान शामिल हुए। मार्च के सेंट्रल लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर पहुंचने के बाद उसमें एक सैन्य टैंक भी शामिल हो गया, जिस पर 'हम किसानों के साथ' लिखा था। ब्रिटेन में ऐसा मार्च फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, स्पेन, इटली और पोलैंड सहित यूरोप के देशों में किसानों द्वारा ट्रैक्टरों से निकाले गए मार्च के लगभग एक साल बाद हो रहा है।

डर

किसानों को क्या सता रहा है डर?

किसानों का दावा है कि कर में बढ़ोतरी से उनके पारिवारिक खेत खत्म हो सकते हैं, जो कि बहुत कम लाभ कमाते हैं। कई किसानों को डर है कि इस नीति से पीढ़ियों से चली आ रही खेती-बाड़ी बंट जाएगी और परिवारों को कर चुकाने के लिए जमीन बेचने पर मजबूर होना पड़ेगा। सेंट्रल लंदन के व्हाइटहॉल में ट्रैक्टरों के साथ खड़े प्रदर्शनकारियों ने यूनियन जैक के झंडे फहराए और सरकार से नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की।

चेतावनी

कर नीति लोगों को खाद्य संकट की ओर ले जाएगी

एक किसान नेता लिज वेबस्टर ने द इंडिपेंडेंट से कहा, "सरकार का रुख लोगों के लिए कृषि में निवेश करना मुश्किल बनाकर खाद्य संकट की ओर ले जा सकता है। सरकार खाद्य संकट की ओर बढ़ रही है।" हालांकि, किसानों के दबाव के बावजूद सरकार फैसले पर अड़ी है और धन जुटाने के लिए नीति को जरूरी बता रही है। यह मार्च 1.48 लाख से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ई-याचिका पर संसद में हो रही बहस के बीच निकाला है।

बयान

नई नीति से खाद्य आयात पर अधिक निर्भर होगा ब्रिटेन

पेन्सहर्स्ट गांव के किसान साइमन ब्रॉड ने कहा कि इन सुधारों से ब्रिटेन खाद्य आयात पर अधिक निर्भर हो जाएगा, जिससे घरेलू खाद्य सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा। सरकार को हाल की विश्व घटनाओं और राजनीतिक अस्थिरता को ध्यान में रखना चाहिए। देश को अपनी खाद्य आपूर्ति पर नियंत्रण रखना होगा। अन्य किसान भी इन आशंकाओं से सहमत थे, उन्होंने कहा कि कई पारिवारिक खेतों में इतने बड़े कर बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नकदी प्रवाह नहीं है।

प्रदर्शन

यूरोप के किसान एक साल से अधिक समय से कर रहे विरोध प्रदर्शन

लंदन में हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे यूरोप में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला में से एक है। 2024 में फ्रांसीसी, जर्मन, स्पेनिश, इतालवी, पोलिश, बेल्जियम और ग्रीक किसान सड़कों पर उतरे, राजमार्गों को अवरुद्ध किया और अपने ट्रैक्टरों का उपयोग करके सरकारी भवनों का घेराव किया। ये किसान पर्यावरण संरक्षण और ईंधन करों में वृद्धि से लेकर उनके उत्पादों और यूरोपीय संघ के बाहर से आयात की कीमतों में गिरावट से चिंतित हैं।