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लंदन: गंभीर बीमारी के कारण पूरी तरह से बदल गई थी इस महिला की शक्ल
गंभीर बीमारी के कारण इस महिला की शक्ल पूरी तरह बदल गई थी

लंदन: गंभीर बीमारी के कारण पूरी तरह से बदल गई थी इस महिला की शक्ल

लेखन गौसिया
Jan 28, 2024
04:20 pm

क्या है खबर?

कभी-कभी आपकी जिंदगी ऐसी बदलती है कि आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। ऐसा ही कुछ लंदन के प्लाइस्टो में जन्मी एक महिला के साथ हुआ था। वह भले ही अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी हैरान कर देने वाली है। यह महिला एक ऐसी बीमारी का शिकार हुई, जिससे उसकी पूरी जिंदगी ही बदल गई और वह 'दुनिया की सबसे बदसूरत महिला' बन गई। आइये आज इस महिला की कहानी विस्तार से जानें।

मामला

क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक, इस महिला का नाम मैरी एन बेवन था। 1874 में जन्मी मैरी अपने माता-पिता के 8 बच्चों में से एक थी और बेहद खूबसूरत थी। उन्होंने नर्स के रूप में अपना करियर बनाया और लगभग 32 साल की उम में केंट के थॉमस बेवन से शादी की। दंपति के कुल 4 बच्चे हुए। 1914 में थॉमस की मृत्यु हो गई, जिसका मैरी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा।

बीमारी

गंभीर बीमारी से पीड़ित हुईं मैरी 

पति के मृत्यु के बाद मैरी को एक्रोमेगाली नामक बीमारी का पता चला। यह एक हार्मोनल विकार है, जिससे कारण हाथ, पैर और चेहरे की हड्डियां बढ़ने लगती हैं। आज के समय में इस बीमारी का इलाज है, लेकिन उस वक्त इस बीमारी का इलाज करना मुश्किल था, इसलिए मैरी को अपनी लगातार बदलती शक्ल के साथ ही रहना पड़ा। इसके कारण मैरी का चेहरा असामान्य रूप से बढ़ गया और बिगड़ने लगा।

कमाई

बीमारी के कारण हुए बदलाव को बनाया कमाई का जरिया

थॉमस के बाद बच्चों की देखभाल और उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी मैरी के सिर पर थी। ऐसे में उन्होंने अपने बदलते शारीरिक बदलाव का फायदा उठाते हुए स्थानीय अग्लीएस्ट वुमन प्रतियोगिता में भाग लिया। इसमें मैरी ने 250 प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए प्रतियोगिता में जीत हासिल की, जिसके बाद उन्हें फ्रीक शो में शामिल होने के लिए नियुक्त किया गया था। इससे उन्होंने खूब पैसे कमाएं और अपने परिवार को चलाया।

मृत्यु

59 की उम्र में मैरी ने दुनिया को कहा अलविदा

जानकारी के मुताबिक, मैरी को अपनी बीमारी के कारण भयानक दर्द महसूस होता था और उनका अंधापन भी समय के साथ बढ़ता गया। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सब कुछ सहते हुए काम किया। मैरी अपने जीवन के बारे में सोचते हुए कभी-कभी खुद पर हंसती भी थी। दिसंबर, 1933 में उनकी 59 साल की उम्र में मृत्यु हो गई और फिर उनकी इच्छानुसार उन्हें लंदन के लेडीवेल और ब्रॉकली कब्रिस्तान में दफना दिया गया।