
इमरान से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने फिर दोहराई कश्मीर मुद्दे पर 'मदद' की पेशकश
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे पर 'मदद' की पेशकश की है।
उन्होंने दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (WEF) की बैठक से इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान यह बात कही।
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद से ट्रंप की कश्मीर मुद्दे पर मदद की यह चौथी पेशकश है और हर बार भारत ने इस पेशकश से इनकार किया है।
बयान
अगर मदद कर सकते हैं तो जरूर करेंगे- ट्रंप
इमरान खान के साथ मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "हम और ज्यादा कारोबार कर रहे हैं। कुछ अन्य मामलों पर भी हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम कश्मीर पर भी बात कर रहे हैं कि वहां भारत और पाकिस्तान के बीच क्या हो रहा है। हम इस पर नजर बनाए हुए हैं और बहुत करीब से देख रहे हैं। अगर हम कुछ मदद कर सकते हैं, तो जरूर मदद करेंगे।"
बयान
उम्मीद है अमेरिका मुद्दा सुलझाने में मदद करेगा- इमरान
वहीं इमरान खान ने कहा, "हम अफगानिस्तान जैसे कई मुद्दों पर बात करने वाले हैं। कई पर हम सहमत हैं। भारत भी एक बड़ा मुद्दा है। हमें हमेशा से उम्मीद रही है कि यह मुद्दा सुलझाने में अमेरिका मदद करेगा।"
ट्विटर पोस्ट
ट्रंप और इमरान की मुलाकात की एक झलक
US President Donald Trump during his meet with Pakistan PM Imran Khan in Davos:We're doing more trade as it turnswe're working together on some borders.We are talking about Kashmir in relation to what is going on with PakistanIndia.We've been watching thatfollowing it closely. pic.twitter.com/acaUirCStW
— ANI (@ANI) January 21, 2020
पुराने प्रस्ताव
ट्रंप पहले भी कर चुके हैं मदद की पेशकश
ट्रंप इससे पहले सितंबर में इमरान खान से मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने की बात कह चुके हैं।
तब ट्रम्प ने कहा था, "अगर प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की बात कहते हैं तो मैं ऐसा करने को तैयार हैं। मैं ऐसा करना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा था कि लंबे समय से चल रहे मामले को सुलझाने के लिए भारत का तैयार होना भी जरूरी है।
भारत का पक्ष
कश्मीर पर तीसरे पक्ष की दखल के खिलाफ है भारत
पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर मुद्दे का अतंरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है। उसने यह मुद्दा संयुक्त समेत कई वैश्विक मंचों पर उठाने की कोशिश की है, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी है।
दूसरी तरफ भारत कश्मीर को हमेशा से द्विपक्षीय मुद्दा मानता आया है और वह इस पर किसी तीसरे पक्ष की दखल के खिलाफ है।
इसके चलते भारत हर बार ट्रम्प के कश्मीर मुद्दे पर 'मध्यस्थता' या 'मदद' के प्रस्ताव को ठुकरा देता है।