नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन: रेलवे को अब तक 88 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
नागरिकता कानून के खिलाफ मचे बवाल में रेलवे की संपत्ति को 88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कानून का विरोध कर रही भीड़ का फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्वों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। इसमें बसों, पुलिस चौकियों को आग लगाना और रेलवे पटरियों और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाना आदि शामिल है। रेलवे ने तोड़फोड़ और आगजनी से उसकी संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी दी है।
किस जोन में कितना नुकसान?
रेलवे ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों से 88 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। पूर्वी रेलवे जोन में 72 करोड़ रुपये, दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में 13 करोड़ रुपये और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर जोन में तीन करोड़ रुपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है।
रेलवे मंत्री ने कही थी गोली मारने की बात
नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने एक मंत्री के तौर पर सभी जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि अगर कोई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाता है, जिसमें रेलवे भी शामिल है तो ऐसे लोगों को देखते ही गोली मार दें। उन्होंने कहा कि रेलवे की संपत्ति लोगों के पैसे और सालों की मेहनत से बनती है।
प्रदर्शनों में जा चुकी है 17 लोगों की जान
देशभर के अलग-अलग शहरों में नागरिकता कानून के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों में प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गये, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज, फायरिंग, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। अभी तक देशभर में प्रदर्शनों में शामिल 17 लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों घायल हुए हैं। कई स्थानों पर पत्थरबाजी में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
क्या है कानून और क्यों रहे विरोध?
सरकार ने हाल ही में नागरिकता कानून को संधोधित किया था, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिमों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल जाएगी। इसका विरोध कर रहे लोग इसे संविधान और भारत के मूल्यों के खिलाफ बता रहे हैं। पिछले हफ्ते से देश के अलग-अलग हिस्सों में छात्र, राजनीतिक पार्टियां और आम लोग सड़कों पर उतरकर इस कानून का विरोध कर रहे हैं।