इंडोनेशिया में 7.3 तीव्रता का भूकंप, खतरनाक सुनामी की चेतावनी जारी
एक तीव्र भूकंप ने आज सुबह इंडोनेशिया को हिला कर रख दिया। पूर्वी इंडोनेशिया में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.3 मापी गई है और प्रशासन ने 1,000 किलोमीटर के अंदर खतरनाक सुनामी की चेतावनी जारी की है। भूकंप में ज्यादा नुकसान नहीं होने की खबरें हैं, लेकिन इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप के बाद आने वाली सुनामी ही मौतों का कारण बनती है। लोगों को सावधान रहने को कहा गया है।
समुद्र में 18.5 किलोमीटर अंदर भूकंप का केंद्र
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र फ्लोरेस द्वीप के मौमेरे शहर के 112 किलोमीटर उत्तर में फ्लोरेस समुद्र के 18.5 किलोमीटर अंदर रहा। भूकंप सुबह करीब 10:20 बजे आया। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि भूकंप के केंद्र के 1,000 किलोमीटर के अंदर स्थित तटों पर खतरनाक सुनामी आने की संभावना है। USGS ने किसी के हताहत होने की संभावना को कम बताया है।
घरों से निकल कर भागे लोग
भूंकप के केंद्र से दूर-दूर तक लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए और वे घरों से निकल कर बाहर आ गए। अदोनारा द्वीप के निवासी नुरैनी ने बताया, "मैं मैदान में था। लोग दहशत में भागने लगे। मैं अभी भी डरा हुआ हूं।" दक्षिण-पूर्व सुलावेसी के बुटन में रहने वाले अलवान ने बताया कि जब भूकंप आया वह अपने फोन चेक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूकंप करीब 30 सेकंड तक आया और ये काफी शक्तिशाली था।
इंडोनेशिया में अक्सर आते रहते हैं भूकंप
बता दें कि पैसिफिक 'रिंग ऑफ फायर' पर मौजूद होने के कारण इंडोनेशिया को अक्सर भूकंपों और ज्वालामुखी विस्फोटों का सामना करना पड़ता है। रिंग ऑफ फायर पैसिफिक का वह इलाका है जहां टेक्टोनिक प्लेट्स टकराने के कारण तीव्र भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं। ये बेहद संवेदनशील इलाका है और जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर पैसिफक बेसिन तक फैला हुआ है। पैसिफिक बैसिन में ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, चीन, मलेशिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम और दक्षिण कोरिया जैसे देश आते हैं।
इंडोनेशिया में 2004 में आया था सबसे भयंकर भूकंप और सुनामी
इंडोनेशिया में सबसे विनाशकारी भूकंप 2004 में आया था। सुमात्रा में आए 9.1 की तीव्रता के इस भूकंप के बाद भयानक सुनामी भी आई थी। आपदा में इंडोनेशिया मे 1.7 लाख लोगों समेत पूरे इलाके में 2.2 लाख लोग मारे गए थे। ये सुनामी 26 दिसंबर को आई थी और भारत भी इससे प्रभावित हुआ था। भारत में इसके कारण 10,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों लापता हो गए थे।