शाओमी MIUI 11 ने 35 से ज्यादा भूकंपों का पता लगाया, चेतावनी देता है फीचर
शाओमी ने पिछले साल अपना MIUI 11 कस्टम यूजर्स इंटरफेस रोलआउट करना शुरू किया था और इसमें एक खास फीचर लेकर आई थी। नए फीचर के साथ MIUI पावर्ड स्मार्टफोन्स और डिवाइसेज यूजर्स को भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा आने की चेतावनी दे सकते हैं। अब कंपनी ने बताया है कि यह फीचर किस तरह यूजर्स के लिए काम का साबित हो रहा है और अब तक इसने करीब तीन दर्जन भूकंप के मामलों का पता लगाया है।
भूकंप के मामलों का पता लगाया
GizChina की रिपोर्ट के मुताबिक, शाओमी ने चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर शेयर किया कि इसका 'अर्थक्वेक डिटेक्शन फीचर' कैसे यूजर्स की मदद कर रहा है। कंपनी ने बताया कि यह फीचर 500 से ज्यादा दिनों से ऑनलाइन है और इसने 4.0 या इससे ज्यादा तीव्रता वाले 35 से ज्यादा भूकंप के मामलों का पता लगाया है। शाओमी ने यह भी बताया कि MIUI 11 के हिस्से के तौर पर यह फीचर कुल 8,604,477 डिवाइसेज तक पहुंच चुका है।
ऐसे काम करता है अर्थक्वेक डिटेक्शन फीचर
शाओमी का अर्थक्वेक डिटेक्शन फीचर जिस 'अर्ली' वॉर्निंग सिस्टम के साथ आता है, वह पहले आने वाली वेव्स के टाइम डिफरेंस का इस्तेमाल करता है। दरअसल, पृथ्वी के नीचे से आने वालीं वेव्स बहुत तेजी से चलती है, ऐसे में भूकंप की चेतावनी चंद सेकेंड पहले मिल पाती है। लॉन्गिट्यूडिनल वेव्स तेजी से और ट्रांसवर्स वेव्स इनके मुकाबले धीमे चलती हैं। पहले आने वालीं लॉन्गिट्यूडिनल वेव्स नुकसान नहीं पहुंचातीं और इनसे भूकंप की चेतावनी मिल जाती है।
सभी यूजर्स के लिए काम नहीं कर रहा फीचर
शाओमी की मानें तो स्मार्टफोन्स के अलावा इस फीचर को कंपनी के टीवी मॉडल्स का हिस्सा भी बनाया गया है। हालांकि, इसकी कुछ सीमाएं भी हैं और दुनिया के सभी देशों में शाओमी यूजर्स को इसका फायदा नहीं मिलेगा। भूकंप की चेतावनी देने से जुड़ा MIUI 11 फीचर अभी केवल चीन के 25 प्रान्तों में काम कर रहा है। यानी कि भारत में शाओमी यूजर्स को अभी यह फीचर इनेबल करने का विकल्प नहीं मिल रहा है।
फीचर को बेहतर बनाने पर कंपनी का जोर
शाओमी अपने इस फीचर को बेहतर बनाने के लिए डिजास्टर मिटिगेशन रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर काम करने वाली है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चाइनीज कंपनी नेशनल अर्ली वॉर्निंग रिलीज सेंटर, नेशनल इमरजेंसी ब्रॉडकास्टिंग और चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स से जुड़कर ज्यादा लोगों तक इसका फायदा पहुंचाना चाहती है। शुरुआती टेस्टिंग में मिली सफलता के बाद कंपनी आने वाले वक्त में भारत और दूसरे मार्केट्स में भी यह फीचर रोलआउट कर सकती है।