सिरिल रामाफोसा दूसरी बार चुने गए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, गठबंधन सरकार का करेंगे नेतृत्व
सिरिल रामाफोसा एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। हालांकि, इस बार उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (ANC) को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, इस वजह से वे गठबंधन की सरकार का नेतृत्व करेंगे। रामफोसा ने वामपंथी आर्थिक स्वतंत्रता सेनानियों के नेता जूलियस मालेमा के खिलाफ जोरदार जीत हासिल की है। रामाफोसा को 283, जबकि मालोमा को केवल 44 वोट मिले। नई सरकार में रामफोसा की ANC, डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) और दूसरी छोटी पार्टियां शामिल हैं।
रामाफोसा ने जताया आभार
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद रामफोसा भाषण में कहा, "मैं इस बात से अभिभूत और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि नेशनल असेंबली के सदस्यों के रूप में आपने मुझे दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का राष्ट्रपति चुनने का निर्णय लिया है। यह हमारे देश के जीवन में एक ऐतिहासिक मोड़ है, जिसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा।" रामफोसा अब अगले सप्ताह प्रिटोरिया में शपथ लेंगे, जिसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन होगा।
गठबंधन सरकार के लिए बनी रूपरेखा
सरकार में शामिल पार्टियों ने गठबंधन सरकार चलाने के लिए 8 पन्नों की रूपरेखा पर सहमति व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि कोई निर्णय केवल तभी लिया जा सकेगा, जब पर्याप्त आम सहमति बन जाए। पार्टियों ने 10 बुनियादी सिद्धांतों पर भी सहमति जताई है, जिसमें संविधान के प्रति सम्मान और नस्लवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ कदम शामिल हैं। समझौते में कहा गया है कि तीव्र, समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास गठबंधन सरकार की प्राथमिकता होगा।
रामाफोसा के लिए आसान नहीं है राह
रामाफोसा के लिए गठबंधन सरकार चलाना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि DA और ANC एक-दूसरे की कट्टर विरोधी पार्टियां हैं। अलजजीरा से बात करते हुए DA के पूर्व नेता टोनी लियोन ने कहा, "हमने कभी ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं की थी जहां ANC और DA मिलकर शासन करेंगे। संसद की बैठक शुरू होने से 5 मिनट पहले तक बातचीत अधूरी थी। अगले 5 साल कठिन होने वाले हैं। विश्वास ही गठबंधन सरकार को कार्यशील बनाएगा।"
क्या रहे थे चुनावी नतीजे?
चुनावों में रामाफोसा की ANC को 30 सालों में पहली बार बहुमत नहीं मिला है। ANC को केवल 40 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो 2019 में 57 प्रतिशत थे। पार्टी ने 159 सीटें जीती हैं। DA को 21 प्रतिशत वोट मिले और उसने 87 सीटें जीती हैं। जैकब जुमा की MK पार्टी को 14 प्रतिशत वोट और 58 सीटें मिली हैं। इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स (EFF) को 39 सीटें मिली हैं। बहुमत के लिए 201 सीटें जरूरी हैं।
कौन हैं रामाफोसा?
रामफोसा का जन्म 17 नवंबर, 1952 को जोहान्सबर्ग में हुआ था। छात्र जीवन से ही रामफोसा राजनीति में सक्रियता से भाग लेने लगे। रामाफोसा को ख्याति तब मिली, जब वे दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन नेशनल यूनियन ऑफ माइनवर्कर्स के महासचिव चुने गए। वे ANC के महासचिव रहे, लेकिन बाद में कुछ सालों के लिए राजनीति से ब्रेक ले लिया। वे 2014 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति भी रहे हैं।