क्रिस हिपकिंस होंगे न्यूजीलैंड के अगले प्रधानमंत्री, लेंगे जेसिंडा अर्डर्न की जगह
न्यूजीलैंड के शिक्षा मंत्री क्रिस हिपकिंस देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। हिपकिंस लेबर पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अकेले उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं और पार्टी के सांसदों की बैठक में उनके नाम की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। गौरतलब है कि मौजूदा प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि वह अगले महीने अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। आइये पूरी खबर जानते हैं।
पहली बार 2008 में सांसद बने थे हिपकिंस
44 वर्षीय क्रिस हिपकिंस वर्ष 2008 में पहली बार लेबर पार्टी के सांसद चुने गए थे। उन्हें नवंबर 2020 में कोरोना वायरस रिस्पॉन्स लिए मंत्री नियुक्त किया गया था और महामारी से निपटने के लिए उनके कामकाज के चलते उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई। हिपकिंस वर्तमान में शिक्षा के अलावा पुलिस और सार्वजनिक सेवा मंत्री होने के साथ-साथ सदन के नेता भी हैं। बता दें कि हिपकिंस कई बार अपनी पार्टी को राजनीतिक मुसीबतों से बाहर निकाल चुके हैं।
लोगों के बीच काफी चर्चित हैं हिपकिंस
न्यूजीलैंड के एक स्थानीय मीडिया संगठन द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, करीब 26 प्रतिशत लोग क्रिस हिपकिंस को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। हिपकिंस अपने सरल व्यक्तित्व को लेकर भी लोगों के बीच काफी चर्चित हैं। बतौर रिपोर्ट्स, रविवार को होने वाली लेबर पार्टी के सांसदों की बैठक में हिपकिंस के नाम की पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री की पुष्टि की औपचारिकता पूरी होने की उम्मीद है।
जेसिंडा अर्डर्न ने दिया था इस्तीफा
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने पार्टी की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा था कि करीब छह साल तक प्रधानमंत्री का चुनौतीपूर्ण पद संभालने के बाद अब उनमें चार साल और अपनी सेवाएं देने लायक ऊर्जा नहीं बची है। बता दें कि जेसिंडा अर्डर्न पहली बार 2017 में मात्र 37 साल की उम्र में देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। इसके बाद उन्होंने 2020 में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलवाई थी।
न्यूजीलैंड में 14 अक्टूबर को होने हैं आम चुनाव
न्यूजीलैंड में इस साल 14 अक्टूबर को आम चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री के तौर पर क्रिस हिपकिंस को लेबर पार्टी में सत्ता में वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। एक ताजा सर्वे के मुताबिक, लेबर पार्टी की लोकप्रियता गिरकर 31.7 प्रतिशत हो गई है, जबकि मुख्य विपक्षी नेशनल पार्टी को 37.2 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिलता हुआ दिख रहा है। विपक्ष बढ़ती कीमतों, गरीबी और अपराध को लेकर सरकार को लगातार घेर रहा है।