त्योहारी सीजन में चीन के कारोबार को 50,000 करोड़ के नुकसान की संभावना- CAIT
क्या है खबर?
दीवाली के त्योहारी सीजन में देश में चीन के कारोबार को बड़ा झटका लगने की संभावना है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा घरेलू बाजारों में चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार करने के आह्वान के कारण इस बार चीनी निर्यातकों को करीब 50,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
इसके उलट इस मुहिम से घरेलू स्तर पर ग्राहकी बढ़ने से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की संभावना है।
ट्वीट
CAIT सचिव ने ट्वीट कर जताई संभावना
CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने ट्वीट किया, 'पिछले साल की तरह इस साल भी CAIT इंडिया ने चीनी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया है और निश्चित रूप से देश के व्यापारियों और आयातकों ने चीन से आयात बंद कर दिया है।
इसके कारण इस दिवाली त्योहारी सीजन में चीन को 50,000 करोड़ रुपये का व्यापार घाटा होने की संभावना है।'
बता दें CAIT के आह्वान के बाद व्यापारियों ने चाइनीज सामान का बहिष्कार शुरू कर दिया है।
सर्वे
CAIT के 20 शहरों में कराया सर्वे
CAIT सचिव खंडेलवाल ने कहा की संस्था की रिसर्च विंग ने हाल ही में 20 शहरों में सर्वे किया था।
इसमें सामने आया कि भारतीय व्यापारी या आयातकों ने चीनी निर्यातकों को दिवाली के सामान, पटाखों या दूसरी किसी चीज का ऑर्डर नहीं दिया है।
सर्वे में शामिल 20 शहरों में नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चैन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, मदुरै, पुडुचेरी, भोपाल और जम्मू शामिल हैं।
आयात
हर साल चीन से किया जाता था 70,000 करोड़ के माल का आयात
CAIT के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत में हर साल राखी से नए साल तक के पांच महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और निर्यातक चीन से लगभग 70,000 करोड़ रुपये के माल का आयात करते हैं।
हालांकि, इस बार राखी उत्सव के दौरान, चीन को 5,000 करोड़ रुपये और फिर गणेश चतुर्थी पर 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने की सूचना मिली थी। ऐसे में दीवाली पर उसे और बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।
स्टॉक
भारतीय सामानों का है पर्याप्त मात्रा में स्टाक- अग्रवाल
CAIT के तरंग अग्रवाल एवं राजमोहन पुरवार ने कहा कि प्रमुख रिटेल सेक्टर जैसे FMCG सामान, खिलौने, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल आइटम, रसाई के सामान और एसेसरीज, गिफ्ट आइटम, निजी उपयोग उत्पाद, घरेलू सजावट, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, फुटवियर, घड़ियां, आदि प्रमुख क्षेत्र हैं, जहां चीनी सामानों के स्थान पर व्यापारियों ने उपभोक्ता की मांगों के अनुरूप भारतीय सामान को पर्याप्त मात्रा में स्टाक कर लिया है।
इसका चाइनीज समानों की बिक्री पर बड़ा असर देखने को मिलेगा।