क्या है वीगर मुसलमानों का पूरा मुद्दा, जिन पर चीन कर रहा अत्याचार?
क्या है खबर?
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बुधवार को जारी की गई अपनी एक रिपोर्ट में चीन पर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांचकर्ताओं को प्रांत में वीगर मुस्लिमों पर अत्याचार के विश्वसनीय सबूत मिले हैं जिन्हें "मानवता के खिलाफ अपराध" कहा जा सकता है।
इसी के साथ वीगर मुस्लिमों का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। ये पूरा मुद्दा क्या है, आइए आपको बताते हैं।
परिचय
कौन हैं वीगर मुसलमान?
वीगर मुसलमान एक तुर्क जाति हैं और वो खुद को केंद्रीय एशिया के लोगों के ज्यादा नजदीक मानते हैं। उत्तर-पूर्व चीन में स्थिति शिनजियांग प्रांत में लगभग 1.1 करोड़ वीगर मुसलमान रहते हैं।
इनका कई सदियों से हान बहुल चीन से संघर्ष चलता रहा है और 20वीं सदी के शुरूआत में यह प्रांत कुछ समय के लिए आजाद भी रह चुका है। हालांकि 1949 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उस पर फिर से कब्जा कर लिया था।
अत्याचार
जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद बढ़ा वीगरों पर अत्याचार
चीन 1949 के बाद से ही वीगर मुस्लिमों पर तरह-तरह के अत्याचार कर रहा है और उनकी राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और वित्तीय गतिविधियों पर रोक लगा उनकी विरासत को खत्म करने की कोशिश कर रहा है।
शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद ये चरम पर पहुंच गया और 2017 में उनके एक आदेश के बाद वीगर मुस्लिमों पर अत्याचार बढ़ गया।
डिटेंशन कैंपों में रखकर उन्हें उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जबरदस्ती दूर किया जा रहा है।
डिटेंशन कैंप
डिटेंशन कैंप क्या हैं?
चीन ने "वॉकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर्स" नाम से वीगर मुस्लिमों के लिए केंद्र बना रखे हैं। चीन इन्हें वीगर मुस्लिमों को कट्टरपंथ से दूर रखने के लिए बनाए गए शैक्षणिक केंद्रों के तौर पर पेश करता है, लेकिन असल में ये किसी डिटेंशन कैंप से कम नहीं हैं।
यहां वीगरों पर तरह-तरह के अत्याचार किए जाते हैं और उनके अधिकारों का हनन होता है। चीन के प्रतिबंधों के कारण इन कैंपों की कहानियां कभी-कभी ही सामने आती हैं।
आंकड़े
चीन में कुल कितने डिटेंशन कैंप और इनमें कितने मुस्लिम रह रहे?
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ASPI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से लेकर अभी तक चीन लगभग 380 डिटेंशन कैंप बना चुका है, जिनमें 10 लाख से अधिक वीगर मुस्लिमों को यातनाएं दी जा रही हैं।
इस रिपोर्ट में चीन पर शिनजियांग में 16,000 मस्जिदों को तोड़ने का आरोप भी लगाया गया था। इनमें से 8,500 मस्जिदों को तो पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
ASPI ने ये रिपोर्ट सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से तैयार की थी।
धार्मिक स्थल
शिनजियांग के एक-तिहाई इस्लामिक पवित्र स्थलों को भी तोड़ा गया
चीन पर शिनजियांग के बड़े इस्लामिक पवित्र स्थलों में से लगभग एक तिहाई को तोड़ने का आरोप भी है।
इससे पहले पिछले साल अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP की एक रिपोर्ट में भी इलाके में दर्जनों कब्रिस्तानों को तोड़े जाने और इसके कारण शवों के जहां-तहां बिखरे होने की बात कही गई थी।
ASPI की रिपोर्ट के अनुसार, इसके विपरीत शिनजियांग के किसी भी ईसाई चर्च और बौद्ध मंदिर को हाथ भी नहीं लगाया गया है।
UN रिपोर्ट
UN ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंक-रोधी और उग्रवाद-रोधी रणनीतियों के नाम पर शिनजियांग वीगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन किए जा रहे हैं।
इसके अनुसार, प्रांत में वीगर मुस्लिमों पर अत्याचार के विश्वसनीय सबूत मिले हैं जिन्हें "मानवता के खिलाफ अपराध" कहा जा सकता है।
रिपोर्ट में चीन पर अस्पष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के जरिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने का आरोप भी लगाया गया है।
चीन का पक्ष
चीन का आरोपों पर क्या कहना है?
चीन वीगर मुसलमानों पर किसी भी तरह के अत्याचार के आरोपों को खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि शिनजियांग में पूरी धार्मिक स्वतंत्रता है। वह खुद को वीगर मुस्लिमों से जुड़े कट्टरपंथी संगठन तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी के आतंकवाद का पीड़ित भी बताता है।
OHCHR की रिपोर्ट पर उसने कहा है कि यह पश्चिमी देशों का तमाशा है। उसने OHCHR को ठग और अमेरिका का साथी बताया है। चीन ने इस रिपोर्ट को दबाने की कोशिश भी की थी।