चीन ने फिर भारत को उकसाया, अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने हिस्से में दिखाया
चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर अधिकार जताया है। चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने 'मानक मानचित्र' के 2023 संस्करण को जारी किया है, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को अपने क्षेत्र का हिस्सा दिखाया है। इसके अलावा इस विवादित मानचित्र में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी चीनी क्षेत्र में शामिल किया गया है। इसके जरिए चीन ने दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा किया है।
चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने जारी किया मानचित्र
चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने X पर लिखा, 'चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।' G-20 सम्मेलन से पहले चीन की इस हरकत को उकसाने वाला कदम माना जा रहा है।
चीन द्वारा जारी किया नया नक्शा
चीन ने नया नक्शा जारी करने का क्या कारण बताया?
चाइना डेली अखबार के अनुसार, चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के मुख्य योजनाकार वू वेनझोंग ने कहा कि सर्वेक्षण, मानचित्रण और भौगोलिक जानकारी राष्ट्र के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, "हमारा अगला कदम डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में डिजिटल मानचित्र और नेविगेशन और स्थिति जैसे भौगोलिक सूचना डाटा को लागू करने में तेजी लाना है, जिनमें स्थान-आधारित सेवाएं, सटीक कृषि, प्लेटफार्म अर्थव्यवस्था और सटीक कनेक्टिविटी आदि शामिल हैं।"
चीन पहले भी कई कर चुका है ऐसे दावे
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अपने मानचित्र में अरुणाचल, अक्साई चिन और ताइवान को अपना हिस्सा बताया है। इससे पहले भी चीन कई बार इस तरह के दावे कर चुका है। इसी साल अप्रैल में चीन की प्रांतीय परिषद ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों का नाम बदल दिया था, जिसमें पर्वत चोटियों, नदियों और आवासीय क्षेत्रों के नाम शामिल थे। इससे पहले भी चीन ने 2017 और 2021 में यह हिमाकत की थी।
अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताता है भारत
चीन के दावों का भारत हमेशा से खंडन करता आया है। भारत सरकार ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। इससे पहले अप्रैल में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, "यह पहली बार नहीं है कि चीन ने इस तरह का प्रयास किया है और हम पहले ही ऐसे किसी भी प्रयास की निंदा कर चुके हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
चीन की सीमा जितने देशों के साथ लगती हैं, उससे कहीं अधिक देशों के साथ उसके क्षेत्रीय विवाद हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अन्य संप्रभु क्षेत्रों पर क्षेत्रीय नियंत्रण का प्रयास किया है। चीन ताइवान को भी अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का उद्देश्य है कि वह ताइवान का एकीकरण करें। चीन दक्षिण चीन सागर पर भी दावा करता है, जिसके कारण उसका अन्य देशों से टकराव रहता है।