कनाडा और चीन ने एक-दूसरे के राजनयिकों को देश से बाहर निकाला, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
कनाडा और चीन के बीच राजनयिक संबंधों को लेकर एक नया विवाद खड़ा को गया है। चीन ने शंघाई स्थित कनाडा के वाणिज्य दूतावास में तैनात एक महिला राजनायिक को 13 मई तक देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
इससे एक दिन पहले ही कनाडा ने टोरंटो में तैनात एक चीनी राजनयिक पर एक कनाडाई सांसद को धमकाने का आरोप लगाते हुए उसे देश छोड़ने को कहा था। इसके जवाब में ही चीन ने कार्रवाई की है।
मामला
कैसे शुरु हुआ विवाद?
हाल ही में कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद माइकल चोंग और उनके परिवार को चीन से खतरा हो सकता है।
दरअसल, चोंग वर्ष 2021 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शिंजियांग प्रांत में वीगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ किए जा रहे कथित अत्याचार के खिलाफ प्रस्ताव लाए थे, जिसके मतदान पर चीन रोक लगवाना चाहता था।
भूमिका
मामले में चीनी राजनयिक की भूमिका आई थी सामने
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि टोरंटो में तैनात चीनी राजनयिक झाओ वेई झाओ चोंग और उनके परिवार को धमकाने और परेशान करने के कथित अभियान का हिस्सा थे। इसी के चलते कनाडा सरकार ने झाओ को देश से निकालने की कार्रवाई की है।
चीन ने कहा था कि कि चोंग को लेकर सामने आई रिपोर्ट का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और यह पूरी तरह निराधार है।
बयान
विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे- कनाडा की विदेश मंत्री
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मामले को लेकर कहा था कि झाओ को देश छोड़कर जाना होगा।
उन्होंने कहा था, "हम अपने आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे लिए अपने लोकतंत्र की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने आगे कहा था कि कनाडा में विदेशी राजनयिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस प्रकार का व्यवहार करते हैं तो उन्हें घर भेज दिया जाएगा।
बयान
चीन ने अपने राजनायिक के खिलाफ हुई कार्रवाई पर किया पलटवार
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, "चीन कनाडा द्वारा उठाए गए इस कदम की कड़ी निंदा करता है और हमने कनाडा के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज करवाया है।"
प्रवक्ता ने आगे कहा, "कनाडा ने हमारे राजनयिक को निष्कासित कर दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब किया है। हम प्रतिक्रिया में पारस्परिक प्रतिवाद के रूप में शंघाई में कनाडा के वाणिज्य दूतावास की राजनायिक जेनिफर लिन लालोंडे को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित करते हैं।"
निशाना
कनाडियाई सांसद चोंग ने ट्रुडो सरकार पर भी उठाए थे सवाल
रिपोर्ट सामने आने के बाद सांसद चोंग ने कनाडा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह निर्णय लेने में दो साल नहीं लगने चाहिए थे।
चोंग ने कहा कि वह हांगकांग में अपने परिवार को संभावित खतरे के बारे में जानकर गहरे निराश थे और कोई कदम नहीं उठाने के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार की आलोचना भी की थी।
उन्होंने चीनी राजनयिक झाओ को जल्द से जल्द बाहर निकालने की मांग भी की थी।