
कोरोना वायरस की संक्रमण और मृत्यु दर कम करने में सहायक है BCG वैक्सीन- स्टडी
क्या है खबर?
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के रोकथाम के लिए इस्तेमाल होने वाली बैसिलस कैलमेट गुएरिन (BCG) वैक्सीन कोरोना वायरस की संक्रमण दर और मृत्यु दर को कम करने में सहायक होती है। एक ताजा रिसर्च में ये बात सामने आई है।
रिसर्च के अनुसार, जिन देशों में BCG वैक्सीन लंबे समय से अनिवार्य है, वहां कोरोना वायरस का संक्रमण कम तेजी से फैला और कम लोगों की मृत्यु हुई। हालांकि वैज्ञानिकों ने इसे "जादुई समाधान" मानने की सोच से बचने को कहा है।
पृष्ठभूमि
महामारी की शुरूआत में देखने को मिला था संक्रमण और BCG वैक्सीन के बीच संबंध
कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत में ये पाया गया था कि जिन देशों में BCG वैक्सीन लंबे समय से अनिवार्य है, वहां संक्रमण और मृत्यु दर कम रही, वहीं जिन देशों में ये अनिवार्य नहीं है, वहां अधिक संक्रमण फैला और अधिक लोगों की मौत हुई।
इन दोनों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए तभी से कई शोध चल रहे हैं और अब अमेरिकन एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित स्टडी में इसकी पुष्टि की गई है।
स्टडी
स्टडी में किया गया लगभग 135 देशों का विश्लेषण
इस स्टडी में विशेषज्ञों ने महामारी की शुरूआत के 30 दिनों के अंदर 135 देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की दैनिक दर और 134 देशों में मृत्यु दर का विश्लेषण किया।
अमेरिका और इटली जहां BCG वैक्सीन अनिवार्य नहीं, वहां क्रमश: 3,131 मौत समेत 1.76 लाख मामले और 12,448 मामले समेत 1.05 लाख मामले सामने आए।
वहीं अनिवार्य BCG वाले भारत और ब्राजील में क्रमश: 35 मौत समेत 1,397 मामले और 168 मौत समेत 4,715 मामले सामने आए।
शोध
अगर अमेरिका में अनिवार्य होती BCG वैक्सीन तो नहीं होती इतनी मौतें
स्टडी में कहा गया है कि अनिवार्य BCG वैक्सीन का सीधा संबंध कोरोना के प्रसार का कर्व फ्लैट होने से है। उन्होंने BCG वैक्सीन के कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करने की संभावना जताई।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर अमेरिका ने कई दशक पहले BCG वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया होता तो वहां इतनी मौतें नहीं होती। हालांकि उन्होंने BCG वैक्सीन को कोरोना के जादुई समाधान के तौर पर पेश नहीं किया और कहा कि अभी और विश्लेषण की जरूरत है।
जानकारी
कोरोना पर BCG का प्रभाव जानने के लिए भारत भी कर रहा ट्रायल
बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव में BCG वैक्सीन कितनी कारगर है, ये देखने के लिए भारत में भी ट्रायल चल रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ये ट्रायल कर रही है। अन्य देशों में भी ट्रायल किए जा रहे हैं।
अंतर
BCG वैक्सीन को लेकर देशों के अलग-अलग कार्यक्रम
BCG वैक्सीन को आम तौर पर जन्म के समय बच्चे को लगाया जाता है और ये टीबी के संक्रमण से बचाती है।
लगभग एक सदी पुरानी BCG वैक्सीन को लेकर सभी देशों के अलग-अलग कार्यक्रम है। जहां कई देशों में सभी बच्चों को ये लगाई जाती है, वहीं कई देशों में इसे टीबी का संक्रमण कम होने के बाद बंद कर दिया गया है। कई देशों में इसका प्रयोग स्वैच्छिक है। भारत में 1962 से BCG वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है।