शेख हसीना के फेसबुक लाइव के दौरान बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर आगजनी
क्या है खबर?
बांग्लादेश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार देर शाम जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फेसबुक पर ऑनलाइन भाषण दे रही थीं, तब प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए।
उन्होंने ढाका के धानमंडी इलाके में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीर्बुरहमान के ऐतिहासिक घर को आग लगा दी और उसमें तोड़फोड़ की।
हसीना ने रात 9 बजे अवामी लीग की भंग छात्र शाखा द्वारा आयोजित फेसबुक लाइव पर भाषण दिया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारी आवास के सामने एकत्र हुए।
प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों को शांत कराने पहुंची सेना का विरोध
प्रदर्शनकारियों ने हसीना के भाषण के बाद लोगों ने 'बुलडोजर जुलूस' का आह्वान किया था। प्रदर्शनकारियों की भीड़ जब आवास पर तोड़फोड़ कर रही थी, तब सेना उनको मनाने पहुंची थी।
हालांकि, प्रदर्शनकारियों के विरोध के आगे सेना की नहीं चली।
इस दौरान छात्र आंदोलन के प्रमुख आयोजक अब्दुल हन्नान मसूद ने फेसबुक पर अवामी लीग के सांसदों और मंत्रियों के सभी आवासों को ध्वस्त करने का आह्वान किया और उन स्थानों पर नए भवनों के निर्माण का प्रस्ताव रखा।
भाषण
क्यों खास है शेख मुजीबुर्रहमान का आवास?
धानमंडी स्थित यह घर बांग्लादेश के इतिहास में एक प्रतिष्ठित प्रतीक है क्योंकि शेख ने दशकों तक स्वतंत्रता-पूर्व स्वायत्तता आंदोलन का नेतृत्व इसी घर से किया था।
आवामी लीग के शासन में इसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था। उस समय राज्य प्रोटोकॉल के तहत विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या गणमान्य व्यक्ति यहां आते थे।
शेख को 1969 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए आंदोलन करने के कारण बंगबंधु (बंगाल का मित्र) कहा जाता था।
भाषण
शेख हसीना ने भाषण में क्या कहा?
हसीना ने फेसबुक लाइव में मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उनको और उनकी बहन को मारने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा कि अल्लाह ने उनको इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है, जो बताता है कि अभी और बड़ा काम करना है।
उन्होंने कहा कि वे घर नष्ट कर सकते हैं, लेकिन लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर बने राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नहीं मिटा सकते।
भाषण
इतिहास अपना बदला लेता है- हसीना
हसीना ने कहा, "वे बुलडोजर से इमारत ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास नहीं मिटा सकते, इतिहास अपना बदला लेता है।"
हसीना ने भावुक होते हुए कहा, "पाकिस्तानी सैनिकों ने भी 1971 के मुक्ति संग्राम में इस घर को लूटा था, लेकिन इसे ध्वस्त और आग नहीं लगाई।"
उन्होंने कहा, "आज घर गिराया जा रहा है। इसने क्या अपराध किया था? वे घर से क्यों डरते हैं। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?"
प्रवास
5 अगस्त से भारत में हैं शेख हसीना
पिछले साल बांग्लादेश में शुरू हुए सत्ता विरोध छात्र आंदोलन के बाद हसीना को अपनी छोटी बहन शेख रिहाना के साथ देश छोड़ना पड़ा और वह 5 अगस्त को वायुसेना के विमान से भारत आ गई थीं।
तब से हसीना दिल्ली में हैं और यहां से फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करती हैं।
उनके खिलाफ बांग्लादेश की कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। बांग्लादेश सरकार उनके प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है।