#NewsBytesExplainer: शेख हसीना को शरण देने में क्यों हिचकिचा सकता है भारत?
तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को देश छोड़ भागना पड़ा है। फिलहाल वे भारत में हैं और किसी दूसरे देश में शरण लेने की कोशिशों में लगी हुई हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि शेख हसीना कुछ और समय भारत में ही रह सकती हैं, क्योंकि उनकी अगले ठिकाने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। आइए जानते हैं भारत के लिए शेख हसीना को शरण देना कितना असहज हो सकता है।
हसीना को शरण देने से क्या चुनौतियां हो सकती हैं?
अगर भारत सरकार शेख हसीना को देश में रहने की अनुमति देती है, तो इससे ये संदेश जाएगा कि भारत एक अपदस्थ नेता का समर्थन कर रहा है। साथ ही इससे बांग्लादेश की नई सरकार के साथ संबंध बनाने में भी भारत के लिए परेशानियां खड़ी होंगी। शरण देने के फैसले से बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर पैदा हो सकती है। बांग्लादेश में मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की भी चिंता
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश में करीब 19,000 भारतीय हैं, जो वहां नौकरियों से लेकर व्यावसाय तक से जुड़े हुए हैं। भारत के लिए इनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है। साथ ही बांग्लादेश में करीब 1.3 करोड़ हिंदू रहते हैं। मौजूदा हालात के बीच खबरें हैं कि उन पर हमले हो रहे हैं और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है। लिहाजा भारत को बांग्लादेश में रहने वाली भारतीयों और हिंदुओं की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना है।
भारत के लिए सीमा सुरक्षा भी मुद्दा
हसीना का समर्थन करने से भारत की पूर्वी सीमा पर उथल-पुथल मच सकती है। भारत बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। बांग्लादेश में अशांति का सीधा असर सीमा पर उथल-पुथल के रूप में सामने आएगा। इसे देखते हुए भारत ने पहले से ही क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि भारत का उद्देश्य तटस्थता बनाए रखना है। ऐसे में कोई भी कदम उठाने से पहले विशेष सावधानी बरती जा रही है।
चीन के मद्देनजर भी सावधानी जरूरी
भारत के कई पड़ोसी देशों में चीन का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। इसमें नेपाल से लेकर श्रीलंका और मालदीव तक आते हैं। पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है। शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ही अकेला ऐसा पड़ोसी बचा था, जिसके भारत के साथ अच्छे संबंध थे। भारत यही स्थिति आगे भी रखना चाहेगा। ऐसे में शेख हसीना को शरण देने से जुड़ा कोई भी कदम बांग्लादेश में चीन का हस्तक्षेप और बढ़ा सकता है।
भारत का अगला कदम क्या होगा?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत सरकार अनिश्चितकाल के लिए हसीना को शरण देने के लिए तैयार है। भारत उनकी शरण के लिए ब्रिटेन के साथ भी बातचीत कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारी हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति ये है कि जब तक हसीना को दूसरी सुरक्षित जगह शरण नहीं मिल जाती, वे भारत में ही रहेंगी।
कहां जा सकती हैं हसीना?
ब्रिटेन ने नियमों का हवाला देकर हसीना को शरण देने से इनकार कर दिया है। अमेरिका ने भी हसीना का वीजा निरस्त कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हसीना के परिवार के सदस्य फिनलैंड में भी हैं और इसलिए वे वहां जाने का विचार कर रही हैं। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बेलारूस, कतर, सऊदी अरब और रूस सहित दूसरे देशों में शरण के विकल्पों पर भी चर्चा हो रही है।
शेख हसीना को क्यों छोड़ना पड़ा देश?
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। अब तक प्रदर्शनों में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 5 अगस्त की शाम प्रदर्शन हिंसक होने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और सेना के विमान से भारत आ गई थीं। अब बांग्लादेश की सेना ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है।