बांग्लादेश में हिंदू गायक राहुल आनंद के घर में लगाई आग, सबकुछ लूट ले गए दंगाई
बांग्लादेश में हिंसा लगातार जारी है। तख्तापलट के बाद हिंदुओं के घरों में भी आगजनी की जा रही है। बांग्लादेश से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों को हिंदुओं के घरों में आग लगाते देखा जा सकता है। लगातार हिंदुओं के घरों काे निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला हिंदू गायक और संगीतकार राहुल आनंद से जुड़ा हुआ है। खबर है कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उनके घर में भी आग लगा दी है।
किसी तरह जान बचकर भागे राहुल और उनका परिवार
बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़कर चली गईं। हसीना के इस्तीफे के बाद कई प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आवास गणभवन में घुसे और वहां से सामान लूट कर ले गए। कई घरों में आगजनी और जमकर तोड़फोड़ की गई। अब खबर है कि बीते दिन राहुल के ढाका स्थित धानमंडी 32 को निशाना बनाया गया। हालांकि, हमले में राहुल, उनकी पत्नी और बेटा बचकर भागने में कामयाब रहे।
लूटपाट को भी दिया अंजाम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने राहुल के घर में लूटपाट की। पहले गेट तोड़ा और फिर पूरा घर तबाह कर दिया। दंगाई फर्नीचर से लेकर उनके घर में मौजूद सारा कीमती सामान ले गए। राहुल के पास 3,000 वाद्ययंत्र थे, जिनमें से कई उन्होंने अपने हाथ से बनाए थे। प्रदर्शनकारियों ने वाद्ययंत्र समेत पूरे घर को आग के हवाले कर दिया। सौभाग्य से राहुल और उनके परिवार के सदस्य हमले से सुरक्षित बचने में सफल रहे।
इस घटना से बुरी तरह टूट गए हैं राहुल
यह घर लगभग 140 साल पुराना था। राहुल जोलर गान नामक एक लोक बैंड चलाते हैं। बांग्लादेश में वह लोकप्रिय हैं। इस मामले में अभी राहुल का बयान सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह इस घटना से स्तब्ध हैं और इसने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया है। उनके करीबियों का कहना है कि राहुल ने जीवनभर धर्मनिप्रेक्ष होने का रास्ता अपनाया। अपने मुल्क के मुस्लिमों से प्यार किया, लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला?
लोगों ने लिखा- वो घर नहीं, रचनात्मक केंद्र था
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दुख जताया है। उनके मुताबिक, यह बांग्लादेश का एक बहुत बड़ा नुकसान है। वो घर नहीं, रचनात्मक केंद्र था। गायक ने खुद उन संगीत वाद्ययंत्रों को बनाया था। भीड़ ने उन वाद्ययंत्रों को जलाया है, जिनमें बांग्लादेश की ध्वनि कैद थी। राहुल के जिस घर को आग में झोंककर बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथी नाज कर रहे हैं, वो घर लंबे समय तक बांग्लादेश का नाम विदेशों में रोशन करता रहा।
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की जड़ आरक्षण है। दरअसल, यहां सरकारी नौकरियों मे 56 फीसदी आरक्षण लागू है, जिनमें से 30 फीसदी आरक्षण 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है। प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क है कि इससे मेरिट वाले नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है, बल्कि अयोग्य लोगों को सरकारी नौकरी में भरा जा रहा है। हालांकि, अब लड़ाई आरक्षण से हटकर हसीना के इस्तीफे की मांग पर आ गई है।