
#NewsBytesExplainer: क्या बांग्लादेश में दोबारा होगा तख्तापलट, मोहम्मद यूनुस और सेना के बीच क्या विवाद है?
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में एक बार फिर उथल-पुथल के संकेत हैं। खबर है कि अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख नाहिद इस्लाम ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण काम मुश्किल हो रहा है।
वहीं, अंतरिम सरकार और सेना के बीच टकराव भी खुलकर सामने आ गया है।
आइए जानते हैं बांग्लादेश में आखिर चल क्या रहा है।
बयान
नाहिद इस्लाम ने कहा- यूनुस इस्तीफे पर विचार कर रहे
BBC बांग्ला से बात करते हुए नाहिद ने कहा, "हम सर (यूनुस) के इस्तीफे की खबरें सुन रहे हैं। इसलिए मैं इस पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने गया था। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि जब तक राजनीतिक पार्टियां सहमति नहीं बना लेती, वह काम नहीं कर पाएंगे।"
AFP ने सूत्र के हवाले से कहा कि यूनुस ने इस बारे में मंत्रिमंडल को भी सूचित किया है।
प्रदर्शन
खालिदा जिया देश लौटीं, यूनुस के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
हाल ही में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के हजारों समर्थकों ने राजधानी ढाका में विशाल रैली निकाली थी। इसमें पहली बार अंतरिम सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था।
बता दें कि BNP की प्रमुख और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया इसी महीने बांग्लादेश लौटी हैं। वे इलाज के लिए लंदन गई हुई थीं। उनके लौटने से यूनुस पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बढ़ने लगा है।
सेना
सैन्य प्रमुख बोले- दिसंबर तक हर हाल में हो चुनाव
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार और सेना के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमा ने सैन्य मुख्यालय में अधिकारियों से कहा कि आम चुनाव इस साल दिसंबर से आगे नहीं टलने चाहिए।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को राजनीतिक स्थिरता की जरूरत है, जो केवल चुनी हुई सरकार के माध्यम से ही संभव है।
जमान ने कहा कि अंतरिम सरकार के पास संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णय लेने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।
मतभेद
सेना और अंतरिम सरकार में किन मुद्दों पर मतभेद?
सेना और अंतरिम सरकार में मतभेद का सबसे ताजा मामला म्यांमार सीमा पर रोहिंग्याओं के लिए मानवीय गलियारा बनाने को लेकर है। सेना प्रमुख इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि यूनुस इसके समर्थन में है।
जमान ने कहा कि बांग्लादेशी सेना कभी भी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगी, जो संप्रभुता के लिए हानिकारक हो।
विरोध के बाद यूनुस सरकार ने गलियारे को लेकर किसी भी देश से कोई समझौता होने का खंडन किया।
विवाद
सेना प्रमुख को पद से हटाने की भी अटकलें
अटकलें हैं कि यूनुस जमान को पद से हटाने की योजना बना रहे हैं।
न्यूज18 के अनुसार, सेना के क्वार्टर-मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान से मुलाकात की थी। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के NSA असीम मलिक से भी मुलाकात की है।
फैजुर रहमान और NSA खलीलुर को यूनुस का विश्वासपात्र माना जाता है। यूनुस ने बिना सेना प्रमुख की सहमति के NSA की नियुक्ति की थी।
सलाहकार
जमान नहीं चाहते थे यूनुस सरकार के मुखिया बने
जमान और यूनुस के बीच शुरू से ही मतभेद रहे हैं।
NCP के हसनत अब्दुल्ला ने हाल ही में एक वीडियो साझा किया था, जिसमें युवा और खेल सलाहकार आसिफ महमूद ने दावा किया था कि जमान यूनुस को सलाहकार बनाने के इच्छुक नहीं थे।
जमान का मानना था कि नोबेल पुरस्कार विजेता और सुधारवादी साख के बावजूद यूनुस इस भूमिका के लिए सही नहीं थे। इस वीडियो से सेना और अंतरिम सरकार की तनातनी खुलकर सामने आ गई थी।
तख्तापलट
बांग्लादेश में पिछले साल हुआ था तख्तापलट
बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था। हसीना ने फिलहाल भारत में शरण ले रखी हैं।
इसके बाद वहां अंतरिम सरकार बनी, जिसके मुखिया यूनुस बने। इस सरकार ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट से लेकर उनकी पार्टी तक को बैन कर दिया।
अब बांग्लादेश में दोबारा से चुनावों की मांग जोर पकड़ रही है।