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बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अमेरिका ने सीरिया में की एयर स्ट्राइक
अंतिम अपडेट Feb 26, 2021, 02:05 pm
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कअमेरिका ने गुरूवार को सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के अड्डों पर एयर स्ट्राइक की। इसी महीने ईराक में अमेरिकी और ईराकी बलों पर हुए एक रॉकेट हमले के जवाब में यह स्ट्राइक की गई है।
अमेरिका अधिकारियों ने कहा कि यह छोटे स्तर की स्ट्राइक थी और इसमें लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले कई ठिकाने ध्वस्त हो गए।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुद इस स्ट्राइक की मंजूरी दी थी और यह उनके कार्यकाल में पहली स्ट्राइक है।
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इस खबर मेंसीरिया-इराक सीमा पर स्थित ठिकानों पर बरसाए गए 500 पाउंड के सात बम बड़ी स्ट्राइक को खारिज कर बाइडन ने चुना कम आक्रामक विकल्प अमेरिकी और गठबंधन सेना के लोगों की रक्षा करेंगे बाइडन- किर्बी 15 फरवरी को हुआ था अमेरिकी सेना के ठिकाने पर रॉकेट हमला अल-दाम का अन्य संगठनों से संबंध स्पष्ट नहीं ईरान के साथ रिश्ते बेहतर करने में लगे हुए हैं बाइडन
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एयर स्ट्राइक
सीरिया-इराक सीमा पर स्थित ठिकानों पर बरसाए गए 500 पाउंड के सात बम
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न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस एयर स्ट्राइक में सीरिया-ईराक की सीमा पर स्थित एक अनाम क्रॉसिंग पर मौजूद इमारतों के एक समूह पर 500 पाउंड वजन के सात बम गिराए गए। इस जगह को मुख्य तौर पर लड़ाकों और हथियारों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिका रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन एफ किर्बी ने बताया कि स्ट्राइक के जरिए कतैब हिजबुल्ला और कतैब सैयद अल-शुहादा समेत ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के ठिकाने ध्वस्त किए गए।
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जानकारी
बड़ी स्ट्राइक को खारिज कर बाइडन ने चुना कम आक्रामक विकल्प
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रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन ने बाइडन के सामने बड़ी स्ट्राइक करने का विकल्प भी रखा था, हालांकि बाइडन ने कम आक्रामक विकल्प चुना। एयर स्ट्राइक अमेरिकी समयानुसार गुरूवार शाम 6 बजे, वहीं सीरिया के समय के अनुसार शुक्रवार सुबह दो बजे हुई।
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बयान
अमेरिकी और गठबंधन सेना के लोगों की रक्षा करेंगे बाइडन- किर्बी
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किर्बी ने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई के जरिए राष्ट्रपति बाइडन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अमेरिकी और गठबंधन सेना के लोगों की रक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी स्ट्राइक का मकसद ईरान के साथ दुश्मनी को औ बढ़ाए बिना रॉकेट हमले के दोषियों को सबक सिखाना था।
उन्होंने कहा, "हमने सोच-विचार कर यह कदम उठाया है जिसका लक्ष्य सीरिया और इराक दोनों में तनाव को कम करना है।"
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रॉकेट हमला
15 फरवरी को हुआ था अमेरिकी सेना के ठिकाने पर रॉकेट हमला
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गौरतलब है कि 15 फरवरी को उत्तरी इराक स्थित इरबिल में एयरपोर्ट के पास मौजूद अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं के एक ठिकाने पर रॉकेट से हमला किया गया था।
इस हमले में सैन्य गठबंधन के साथ काम कर रहे फिलिपींस के रहने वाले एक ठेकेदार की मौत हो गई थी, वहीं छह लोग और जवान घायल हुए थे।
एक कम चर्चित शिया संगठन सराया अवलिया अल-दाम ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
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जानकारी
अल-दाम का अन्य संगठनों से संबंध स्पष्ट नहीं
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अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रॉकेट हमले की जिम्मेदारी लेने वाले अल-दाम का उन संगठनों से क्या संबंध है जिनके ठिकानों पर अमेरिका ने बम बरसाए। इन संगठनों मे शामिल कतैब हिजबुल्ला रॉकेट हमले में अपना हाथ होने से इनकार कर चुका है।
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रिश्ते
ईरान के साथ रिश्ते बेहतर करने में लगे हुए हैं बाइडन
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बता दें कि यह एयर स्ट्राइक ऐसे समय पर की गई है जब बाइडन डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को पलटते हुए ईरान के साथ रिश्तों को बेहतर करने में लगे हुए हैं।
वह बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को फिर से जिंदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं और इस संबंध में बातचीत की जा रही हैं। ट्रंप ने इस संधि से अमेरिका का नाम वापस खींच लिया था।