पाकिस्तान को आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करना पड़ा महंगा, FATF की ग्रे सूची में रहेगा बरकरार
आतंकियों के लिए पनाहगार बने पड़ोसी देश पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने गुरुवार को पाकिस्तान को आगामी जून तक अपनी ग्रे सूची में बरकरार रखा है। FATF का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है। खासकर आतंक के वित्तपोषण की जांच और रणनीतिक रूप से अहम कमियों से निपटने में असफल रहा है।
FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में किया था ग्रे सूची में शामिल
बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रेस सूची में शामिल किया था। इसी तरह इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की योजना को लागू करने के लिए कहा था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण समय सीमा बाद में आगे बढ़ा दिया गया था। इसके बाद भी पाकिस्तान ने 27 सूत्रीय सूची के तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की।
FATF ने आभासी बैठक में लिया पाकिस्तान पर निर्णय
इंडिया टुडे के अनुसार पेरिस में हुई FATF की आभासी बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची में बरकरार रखने का निर्णय किया गया है। FATF के अध्यक्ष मार्कस प्यलेर ने कहा कि पाकिस्तान के आतंक के वित्तपोषण पर विशेष कार्रवाई नहीं करने से वह फिलहाल निगरानी के अधीन रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने पहले की अपेक्षा कार्रवाई में प्रगति की है, लेकिन अभी भी उसे 27 में से तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्रवाई करनी है।
पहले ही समाप्त हो गई समय सीमा- प्लेयर
FATF अध्यक्ष प्यलेर ने कहा कि पाकिस्तान को दी गई समय सीमा पहले ही समाप्त हो गई है। ऐसे में इस्लामाबाद FATF की चिंताओं को जितनी जल्दी हो सके दूर करने पर काम करे। उन्होंने कहा कि आतंक के वित्तपोषण की जांच में पाकिस्तान की ओर से गंभीर कमी है और देश अभी भी संयुक्त राष्ट्र के नामित आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पारदर्शी नहीं है। ऐसे में वह ग्रे सूची में बना रहेगा।
आतंकियों के खिलाफ होनी चाहिए प्रभावी कार्रवाई- प्लेयर
FATF अध्यक्ष प्यलेर ने कहा पाकिस्तान की अदालतों को आतंकवाद में शामिल लोगों को प्रभावी, निर्णायक और समानुपातिक सजा देनी चाहिए। पाकिस्तान को तीन अधूरे कार्यों को पूरा करना होगा और एक बार यह पूरा हो जाने के बाद FATF जून में होने वाले अपने पूर्ण सत्र में उसके वर्तमान दर्जे पर निर्णय करेगा। FATF का यह बयान पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी आतंकी उमर सईद को बरी करने के बाद आया है।
आतंकियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करे पाकिस्तान
FATF ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किए गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए। ये आतंकी भारत में भी वांछित है। FATF ने कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए। इसके बाद अगली बैठक में पाकिस्तान पर कोई निर्णय किया जाएगा।
अक्टूबर तक छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा था पाकिस्तान
FATF ने अक्टूबर 2020 में आयोजित बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक ग्रे सूची में रखने का फैसला किया था। उस दौरान पाकिस्तान 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने पिछले समय में 2,500 से अधिक आतंकियों की सूची प्रकाशित करते हुए उनकी संपतियों को सीज करने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन आतंक के लिए वित्तपोषण के तीन बिंदुओं पर प्रभावी कारर्वाई नहीं कर सका है।
क्या है FATF?
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है। यह मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और हथियारों के प्रसार को रोकने सिफारिशें देती है।