टाइटैनिक का फर्स्ट क्लास डिनर मेन्यू 85 लाख रुपये में नीलाम, मिली उम्मीद से ज्यादा रकम
क्या है खबर?
1912 में टाइटैनिक जहाज डूबने की घटना को 111 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी लोगों में इसके बारे में जानने की रुचि बरकरार है।
यही कारण है कि नीलामी में बेची जा रही जहाज से जुड़ी चीजें लोग लाखों रुपये में खरीदते हैं।
इसी कड़ी में अब इंग्लैंड के एक नीलामी घर ने टाइटैनिक पर फर्स्ट क्लास यात्रियों के लिए बनाए किए गए डिनर मेन्यू की नीलामी की है, जो 85.77 लाख रुपये में बिका है।
नीलामी
इतने रुपये में बिकने की थी उम्मीद
इंग्लैंड के विल्टशायर में स्थित हेनरी एल्ड्रिज एंड सन नीलामी घर ने शनिवार (11 नवंबर) को टाइटैनिक के फर्स्ट क्लास डिनर मेन्यू की नीलामी की।
नीलामी में यह मेन्यू 1.03 लाख डॉलर (लगभग 85.77 लाख रुपये) में बिका है। हालांकि, पहले अनुमान लगाया गया था कि यह लगभग 51-71 लाख रुपये में बिक सकता है।
इस मेन्यू में बेहतरीन खानों के नाम शामिल है, जो 11 अप्रैल, 1912 की शाम के लिए बनाई गई थीं।
बयान
पानी के संपर्क में आने से मिट गई मेन्यू की कुछ चीजें
इस मेन्यू को एक उभरी हुई लाल-सफेद स्टार लाइन से सजाया गया था। हालांकि, पानी में डूबने की वजह से इसके कुछ अक्षर अब दिखाई नहीं देते हैं।
नीलामीकर्ता एंड्रयू एल्ड्रिज ने बताया, "मेन्यू (के अक्षर) आंशिक तौर पर मिट गए हैं, जो पानी के संपर्क में आने का संकेत है। ऐसा लगता है कि जहाज के डूबने के बाद अगली सुबह 15 अप्रैल, 1912 को ये मेन्यू किसी जीवित बचे व्यक्ति के साथ बाहर आ गया होगा।
खोज
कनाडाई इतिहासकार के फोटो एलबम में मिला था मेन्यू
जानकारी की मुताबिक, यह मेन्यू दिवंगत कनाडाई इतिहासकार लेन स्टीफेंसन के एक फोटो एलबम में पाया गया था।
वे नोवा स्कोटिया में अपने गृहनगर डोमिनियन के विशेषज्ञ थे और उन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड इकट्ठा और संरक्षित किए थे।
बता दें कि टाइटैनिक संग्रह वाले कई संग्रहालयों से परामर्श के बाद ऐसा माना जाता है कि यह मेन्यू जहाज के फर्स्ट क्लास यात्रियों के लिए 11 अप्रैल, 1912 के डिनर की एकमात्र बची कॉपी है।
टाइटैनिक यात्रा
टाइटैनिक ने 1912 में की थी अपनी पहली और आखिरी यात्रा
टाइटैनिक जहाज 10 अप्रैल, 1912 को ब्रिटेन के साउथेम्प्टन बंदरगाह से न्यूयॉर्क के लिए निकला था। इस बीच 14-15 अप्रैल की रात जहाज उत्तर अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकरा गया।
हिमखंड से टकराने के बाद टाइटैनिक डूब गया था और इसके दो टुकड़े हो गए गए। इसका मलबा 3.8 किलोमीटर की गहराई में समा गया था।
इस हादसे में करीब 1,500 लोग मारे गए थे। टाइटैनिक की यह पहली और आखिरी यात्रा थी।