आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर घबराएं नहीं! जानें कैसे दें जवाब
आजकल आयकर अधिकारी आयकर रिटर्न में छोटी-छोटी गलतियों के लिए नोटिस भेज रहे हैं। अक्सर आयकर नोटिस का प्रकार और उसका कारण जाने बिना करदाता डर जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ज़्यादातर नोटिस केवल करदाता से स्पष्टीकरण माँगने के लिए भेजे जाते हैं। आज हम आपको यहाँ छह सामान्य प्रकार के नोटिसों के बारे में बताएँगे जो करदाता को भेजे जाते हैं। साथ ही यहाँ जानें उन नोटिसों का कैसे जवाब देना है।
धारा 131 (1A) के तहत भेजा गया नोटिस
आपको यह नोटिस उस समय भेजा जाता है, जब आप मूल्याँकन अधिकारी (AO) के हिसाब से अपनी आय छिपा रहे होते हैं। ऐसे में नोटिस का मतलब होता है कि AO अधिकारी मामले की जाँच शुरू करने वाला है। इसके लिए आप www.incometaxindiaefilling.gov.in वेबसाइट पर लॉग-इन करके इस नोटिस का जवाब दे सकते हैं। अगर आप उस समय माँगे गए सभी दस्तावेज़ों को इकट्ठा करने में असमर्थ हैं, तो एक आवेदन भेजकर और अधिक समय की माँग करें।
धारा 139 (9) के तहत भेजा गया नोटिस
अगर AO की राय में फ़ाइल किया गया इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दोषपूर्ण है, तो यह नोटिस भेजा जाता है। ऐसे में AO गलती की जानकारी देता है, साथ ही उसे ठीक करने के लिए एक संभावित समाधान भी बताता है। इसके बाद व्यक्ति को नोटिस की तारीख़ से 15 दिनों का समय मिलता है। अगर आप निर्धारित समय सीमा के भीतर इस नोटिस का जवाब नहीं देते हैं, तो AO द्वारा आपके रिटर्न को अस्वीकार कर दिया जाता है।
धारा 142 (1) के तहत भेजा गया नोटिस
इस तरह का नोटिस उस समय भेजा जाता है, जब आँकलन से पहले प्रारंभिक जाँच की सूचना भेजनी होती है। अगर आपने मूल्यांकन वर्ष में समय पर अपना रिटर्न फ़ाइल नहीं किया है, तब यह नोटिस आपको मिल सकता है। नोटिस के माध्यम से व्यक्ति से आगे के विवरण और दस्तावेज़ों की माँग की जाती है। इस मामले में जिन दस्तावेज़ों या विवरणों के बारे में पूछताछ की गई हो, उसे समय से पहले जमा किया जाना चाहिए।
धारा 143 (1) के तहत भेजा गया नोटिस
यह नोटिस किसी करदाता को उस समय भेजा जाट है, जब उसे किसी कर या ब्याज देय को वापसी योग्य पाया जाता है। यदि रिटर्न की गणना में कोई गलती पाई जाती है, तो यह अतिरिक्त कर या अन्य आवश्यक परिवर्तनों के लिए एक माँग नोटिस है। इस मामले में नोटिस में आपके द्वारा फ़ाइल किए गए रिटर्न का विवरण और AO द्वारा की गई गणना शामिल होती है। इस नोटिस का जवाब आपको 30 दिनों के भीतर देना होगा।
धारा 148 के तहत भेजा गया नोटिस
यदि आपका नया AO पिछले AO द्वारा किए गए आँकलन से सहमत नहीं है, तो आपको इस तरह का नोटिस भेजा जाता है। अगर AO को लगता है कि आपकी कुछ आय मूल्याँकन से बच गई है, तो आयकर नोटिस u/s 148 जारी किया जा सकता है। नोटिस मिलने पर आपको पूछी गई आय का रिटर्न फ़ाइल करना होगा। अगर आप नोटिस जारी करना चाहते हैं, तो आप नोटिस जारी करने के कारणों की एक प्रति भी माँग सकते हैं।
धारा 156 के तहत भेजा गया नोटिस
अगर करदाता की तरफ़ से कोई जुर्माना, कर या कोई अन्य राशि देय है, तो IT विभाग की धारा 156 के तहत नोटिस भेजा जाता है। करदाता आयकर को नोटिस की तारीख़ से 30 दिनों के भीतर माँगी गई राशि का भुगतान कर सकता है।