नीदरलैंड: लगभग 40 साल से प्रत्यारोपित हृदय के साथ जी रहा ये व्यक्ति, बनाया विश्व रिकॉर्ड
हृदय प्रत्यारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मरीज के लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना कम होती है। हालांकि, नीदरलैंड के 57 वर्षीय बर्ट जानसेन ने इस संभावना के विपरीत हृदय प्रत्यारोपण के बाद सबसे लंबे समय तक जीवित रहने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। गिनीज बुक के मुताबिक, साल 1984 में हृदय प्रत्यारोपण कराने के बाद बर्ट 39 साल 252 दिनों से जीवित हैं। पिछला रिकॉर्ड कनाडा के हेरोल्ड सोकिरका के नाम था।
17 साल की उम्र में हुई बीमारी के कारण करवाना पड़ा था हृदय प्रत्यारोपण
17 साल की उम्र में बर्ट को कार्डियोमायोपैथी का पता चला था। कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण हृदय के लिए पूरे शरीर में खून को पंप करना कठिन हो जाता है। इस वजह से बर्ट के लिए हृदय प्रत्यारोपण करना जरूरी हो गया था। हालांकि, उस समय तक नीदरलैंड में कोई हृदय प्रत्यारोपण नहीं किया गया था और डॉक्टरों ने बर्ट से कहा था कि वे कुछ नहीं कर सकते।
बर्ट के पास बचे थे मात्र 6 महीे
जब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया तो एक अनजान व्यक्ति ने अस्पताल में भर्ती बर्ट से उनकी स्थिति के बारे में पूछा, जिसे उन्होंने बताया कि उनके पास केवल 6 महीने बचे हैं। इसके बाद बर्ट के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अल्बर्ट मैटार्ट ने उन्हें सूचित किया कि उन्होंने हृदय प्रत्यारोपण के लिए इंग्लैंड के हेयरफील्ड अस्पताल में पंजीकृत किया है। फिर बर्ट को शारीरिक परिक्षण के लिए इस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एक कार दुर्घटना के बदौलत बर्ट को मिला हृदय
हेयरफील्ड अस्पताल में भर्ती होने के 4 सप्ताह बाद एक कार दुर्घटना के कारण बर्ट के लिए 2 हृदय उपलब्ध हो गए। उन दोनों में से एक हृदय मैच भी हो गया, जिसके बाद उनकी सर्जरी की गई और यह सफल रही। हेयरफील्ड में किया गया यह 107वां हृदय प्रत्यारोपण था। बर्ट ने कहा, "जिस क्षण मैं सर्जरी के बाद उठा तो मुझे अपने शरीर में पहले की तुलना में अधिक ऊर्जा महसूस हुई।"
सफल सर्जरी से अब तक जीवित हैं बर्ट
सर्जरी के 2 सप्ताह के बाद बर्ट अपने घर लौटे। बर्ट का कहना है कि सर्जरी के बाद पहले कुछ महीनों में उन्हें कई तरह की समस्याएं हुईं, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होने लगा। उन्होंने कहा कि इस सफर तक पहुंचना उनके लिए एक सम्मान की तरह है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वह दूसरों के लिए एक मानक स्थापित कर सकें। वह गिनीज बुक में अपना नाम शामिल करवाकर काफी खुश हैं।