मलेशिया: 10 वर्षीय बच्ची ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, आंखें बंद करके तैयार किया शतरंज सेट
दुनियाभर में ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से लोगों को हैरान किया है। ऐसा ही कुछ मलेशिया की रहने वाली 10 वर्षीय पुनिथामलार राजशेखर नामक बच्ची ने किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजशेखर ने आंखों पर पट्टी बांधकर 45.72 सेकंड में शतरंज के मोहरों को सेट करके विश्व रिकॉर्ड बना लिया है। उनका नाम गिनीज बुक में सबसे कम समय में शतरंज सेट तैयार करने में शामिल हो गया है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
शतरंज की बेहतरीन खिलाड़ी हैं राजशेखर
जानकारी के मुताबिक, राजशेखर पेराक के SJK मेंगलेम्बु में पढ़ती हैं और यह रिकॉर्ड बनाने का कार्यक्रम उन्हीं के स्कूल में हुआ था। उस दौरान बच्चों के माता-पिता, शिक्षक संघ के सदस्य और स्कूल प्रबंधन समेत कई लोग इस कार्यक्रम में मौजूद थे। सबके सामने राजशेखर ने आंखों पर पट्टी बांधकर शतरंज के सभी मोहरों को सबसे तेज व्यवस्थित किया। इस रिकॉर्ड से राजशेखर ने एक बार फिर बता दिया कि वह शतरंज की बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
5 साल की उम्र से खेल रही शतरंज
राजशेखर 5 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दी थी और अब वह इसमें निपुण हो गईं हैं। उन्होंने 2022-2033 के एशिया के बाल पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार भी जीते हैं। इसके साथ ही राजशेखर ने मलेशिया के किड्स गॉट टैलेंट जैसी कई प्रतियोगिताओं में भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। इतना ही नहीं, राजशेखर राष्ट्रव्यापी टूर्नामेंट्स में भी नियमित रूप से भाग लेती हैं और अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की सदस्य भी हैं।
पिता ही हैं मेरे कोच- राजशेखर
राजशेखर ने गिनीज अधिकारियों से कहा, "मेरे पिता ही मेरे कोच हैं। हम हर दिन एक साथ शतरंज खेलते हैं। उन्होंने ही मुझे सुझाव दिया था कि मुझे अपने जुनून पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसके बाद हमने फैसला किया कि मुझे इस विशेष रिकॉर्ड को तोड़ना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने पिछले रिकॉर्ड धारकों की तकनीकों को समझने के लिए उनके वीडियोज भी देखें। साथ ही मुझे इस पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार और शिक्षकों ने खूब प्रेरित किया।"
अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती हैं राजशेखर
जानकारी के मुताबिक, राजशेखर बड़ी होकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती हैं। उन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिए कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, लेकिन वह कुछ बड़ा करना चाहती थी और अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाना चाहती थीं। इसके लिए उन्हें विश्व रिकॉर्ड बनाना एक सही तरीका लगा और वह इसमें कामयाब भी हुई। विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के बाद उनके लिए यह जीवन बदलने वाला अनुभव था और वह काफी गर्व महसूस कर रही हैं।