फुटबॉल वर्ल्ड कप देखने के लिए गाड़ी चलाकर केरल से कतर जा रही महिला
केरल की रहने वाली नाजी नौशी को यात्रा करने और फुटबॉल देखने का इतना शौक है कि वो फुटबॉल वर्ल्ड कप देखने के लिए अपनी चार पहिया गाड़ी से ही कतर निकल गई हैं। उन्होंने बुधवार को अपनी महिंद्रा थार से केरल के कन्नूर से कतर तक की यात्रा शुरू की। राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने शहर के कई नेताओं की मौजदूगी में उनकी इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
मुंबई से ओमान जाने की तैयारी में है महिला
नाजी तमिलनाडु के कोयंबटूर से होते मुंबई तक पहुंच चुकी हैं। इसके बाद वो पानी के जहाज से ओमान पहुंचेंगी और वहां से सड़क के रास्ते बहरीन, दुबई, कुवैत और सऊदी अरब जैसे कई अरब देशों की यात्रा करते हुए कतर में प्रवेश करेंगी। नाजी ने दावा किया कि वह फीफा वर्ल्ड कप देखने वाली केरल की पहली ऐसी महिला बन सकती हैं, जो अपनी गाड़ी से यात्रा करके खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों तक पहुंची है।
साल के आखिरी दिन तक कतर में ही रहेंगी नाजी
मीडिया से बात करते हुए नाजी ने कहा था, "मुझे 10 दिसंबर तक कतर पहुंचना है और वहां जाकर फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल मैच लाइव देखना है। मैं अर्जेंटीना की बहुत बड़ी फैन हूं और लियोनल मेसी मेरा पसंदीदा खिलाड़ी हैं। मैं उसे जीतते हुए देखना चाहती हूं। 31 दिसंबर तक मैं कतर में ही रुकने वाली हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि वो भारतीय टीम को भी फीफा वर्ल्ड कप खेलते हुए देखना चाहती है।
नाजी की गाड़ी में सभी जरूरी चीजें हैं मौजूद
नाजी जिस थार गाड़ी से यात्रा कर रही हैं, उसका नाम उन्होंने ओलु रखा है, जिसका मतलब महिला है। उनकी गाड़ी में सभी जरूरी सामग्री मौजूद हैं और रात में वो टोल प्लाजा या पेट्रोल पंप के पास गाड़ी पार्क करके आराम करती हैं।
5 बच्चों की मां हैं नाजी नौशाद
34 वर्षीय नाजी मूल रूप से पुडुचेरी के माहे में रहती हैं। वह एक यात्री, ब्लॉगर, यूट्यूबर और पांच बच्चों की मां हैं। उनकी शादी 12वीं पास करने के बाद नौशाद के साथ हुई थी। उस वक्त नाजी महज 19 साल की थीं। नाजी बताती हैं कि उनका पांचवां और सबसे छोटा बेटा दो साल का है और जब भी वह कहीं बाहर यात्रा पर जाती हैं तो उनकी मां बच्चों का ख्याल रखती हैं।
अन्य महिलाओं को प्रेरित करना चाहती हैं नाजी
नाजी अपने परिवार को अपना सबसे बड़ा सपोर्टर मानती हैं और महिलाओं को प्रेरित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक गृहिणी और पांच बच्चों की मां होकर अपने सपनों को पूरा कर सकती हूं तो देश की कोई भी सामान्य महिला आत्मविश्वास से अपने सपनों को पूरा कर सकती है।" उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी यात्रा ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।