बंगाल: स्मार्टफोन खरीदने के लिए खून बेचने अस्पताल पहुंची 16 वर्षीय लड़की
क्या है खबर?
आजकल के युवाओं को किसी चीज की चाहत हो या न हो, लेकिन उन्हें स्मार्टफोन की चाहत जरूर रहती है।
स्मार्टफोन खरीदने के लिए कुछ लोग महीनों पैसे जमा करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की एक लड़की ने ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में जानकर आप खुद हैरान रह जाएंगे।
यह 16 वर्षीय लड़की स्मार्टफोन खरीदने के लिए परिवार से झूठ बोलकर अपना खून बेचने के लिए अस्पताल तक पहुंच गई।
मामला
क्या है पूरा मामला?
यह मामला पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर के तपन इलाके के करदा का है।
यहां एक 16 वर्षीय लड़की ने रविवार को अपने रिश्तेदार के फोन से ऑनलाइन वेबसाइट पर स्मार्टफोन ऑर्डर किया, जिसकी डिलीवरी गुरुवार को होनी है। स्मार्टफोन की कीमत लगभग 9,000 रुपये थी।
डिलीवरी के दिन नजदीक आ रहे थे, लेकिन लड़की के पास पूरे पैसे इकट्ठा नहीं हो पाए थे। अंत में उसने फोन खरीदने के लिए अपना खून बेचने का प्लान बनाया।
अस्पताल
ट्यूशन का बहाना बनाकर लड़की पहुंची अस्पताल
नाबालिग लड़की ने प्लान बनाया कि वह बालुरघाट के जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में अपना खून बेच देगी, जिसके बदले उसे पैसे मिल जाएंगे और फिर वह अपना स्मार्टफोन खरीद सकेगी।
योजना के तहत अगले दिन वह ट्यूशन के बहाने के घर से निकली और तपन बस स्टैंड पर अपनी साइकिल खड़ी कर दी।
किसी को शक न हो, इसलिए वह बस स्टैंड से बस में सवार होकर अस्पताल पहुंची।
शक
लड़की की बातों पर अस्पताल के कर्मचारियों को हुआ शक
अस्पताल पहुंचकर नाबालिग लड़की खून के बदले पैसों की बात करने लगी, इसलिए कर्मचारियों को उस पर शक हुआ।
ब्लड बैंक के कर्मचारी कनक कुमार दास ने कहा, "लड़की हमारे पास आई और बताया कि उसे अपने भाई के इलाज के लिए भुगतान करना है, इसलिए वो अपना खून बेचना चाहती है। इसके बाद वह पैसों के बारे में पूछने लगी। हमें उसकी बातों पर शक हुआ, इसलिए हमने इसकी जानकारी बाल कल्याण टीम को दे दी।"
खुलासा
सच्चाई का ऐसे हुआ खुलासा
जानकारी मिलते ही बाल कल्याण टीम अस्पताल पहुंची और उसने नाबालिग के साथ पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान लड़की ने पूरी सच्चाई बताई।
उसने कहा, "मैंने ऑनलाइन एक स्मार्टफोन ऑर्डर किया है, जिसके लिए मुझे पैसों की जरूरत है। मैं यहां अपना खून बेचकर पैसों का इंतजाम करना चाहती थी।"
सच्चाई सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति की मदद से परिवार को बुलाकर लड़की को वापस उनके साथ भेज दिया गया।