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दिल्ली: कर्तव्य पथ पर मौजूद 100 साल पुराने पेड़ों से जामुन तोड़ने के लिए लगेगी बोली
दिल्ली के कर्तव्यपथ पर जामुन तोड़ने के लिए लगेगी बोली

दिल्ली: कर्तव्य पथ पर मौजूद 100 साल पुराने पेड़ों से जामुन तोड़ने के लिए लगेगी बोली

लेखन अंजली
May 18, 2023
08:12 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के कर्तव्य पथ पर करीब 100 साल पुराने जामुन के पेड़ है, जिनसे फल को तोड़ने के लिए अब बोली लगाई जाएगी। इसका मतलब है कि अब लोगों को पत्थर मारकर पेड़ों से जामुन नहीं तोड़ने दिया जाएगा। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के एकअधिकारी ने कहा कि इस कदम से राजस्व में इजाफा होगा और फलों पर पत्थर फेंकने की प्रथा बंद हो जाएगी, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को चोट लगने का खतरा रहता है।

नोटिस

बोली के लिए CPWD ने जारी किया नोटिस

CPWD ने जामुन की बोली के लिए नोटिस जारी किया है और नीलामी की शुरुआती कीमत 1.30 लाख रुपए रखी गई है। नोटिस में CPWD ने लिखा, 'पेड़ के तने को बिना किसी नुकसान के जामुन को सुरक्षित रूप से एकत्र किया जाएगा और इसके लिए रस्सी या फिर झूले जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं होगा।' नोटिस में यह भी कहा है कि बोलीदाता को 31 अगस्त तक फल एकत्र करके दे दिए जाएंगे।

जानकारी

राजपथ का नाम बदलकर किया गया कर्तव्य पथ

कर्तव्य पथ के दोनों किनारों पर कई जामुन के पेड़ हैं, जिनमें से कुछ लगभग 100 साल पुराने हैं। यह पथ सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, विजय चौक से इंडिया गेट तक फैला हुआ है, जिसे सरकार की सेंट्रल विस्टा योजना के तहत पुनर्निर्मित किया गया था। बता दें कि पहले कर्तव्य पथ को राजपथ के नाम से जाना जाता था और यहां पर्यटकों के आकर्षण के लिए बहुत कुछ है।

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कर्तव्य पथ

लोकप्रिय सार्वजनिक स्थान है कर्तव्य पथ

कर्तव्य पथ एक उच्च सुरक्षा वाला इलाका है। हर साल यहां गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड और झांकियां निकाली जाती हैं। इसे शहर में सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक स्थान माना जाता है। इस इलाके को चारों ओर हरियाली और लगभग 1.1 लाख वर्ग मीटर में फैले लाल ग्रेनाइट वॉकवे के साथ पुनर्विकसित किया गया है। इस पर 133 से अधिक लैम्प पोस्ट, 4,087 पेड़, 114 आधुनिक साइनेज और स्टेप्ड गार्डन हैं।

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परियोजना

क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना? 

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के 4 किलोमीटर लंबे कर्तव्य पथ को विकसित करने के साथ संवारा गया है। इसमें नए संसद भवन और कॉमन केंद्रीय सचिवालय समेत कई नई इमारतों का निर्माण भी शामिल है। नए संसद भवन में 1,224 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी और सभी सांसदों के लिए अलग-अलग पेपर रहित कार्यालय भी हैं। अब 30 मई के आसपास नए संसद भवन का उद्घाटन हो सकता है।

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