पहली बार कर्तव्य पथ पर निकली गणतंत्र दिवस की परेड, महिला सशक्तिकरण की दिखी झलक
क्या है खबर?
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आज 74वें गणतंत्र दिवस का समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस बार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी शामिल हुए।
सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर पहुंचा ध्वजारोहण किया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी गई।
इस साल परेड में महिला शक्ति और आत्मनिर्भर होते भारत का प्रदर्शन देखने को मिला।
गणतंत्र दिवस
सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ परेड कार्यक्रम
सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख उनके साथ मौजूद रहे।
इससे बाद प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ स्थित सलामी मंच पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति का मंच पर स्वागत किया।
राष्ट्रपति के ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री समेत अन्य शीर्ष नेताओं ने तिरंगे को सलामी दी और सुबह 10:30 बजे परेड कार्यक्रम शुरू हुआ।
महिला सशक्तिकरण
कर्तव्य पथ पर दिखी महिला सशक्तिकरण की झलक
इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में महिला सशक्तिकरण की झलक देखने को मिली।
जहां सीमा सुरक्षा बल (BSF) ऊंट टुकड़ी के हिस्से के रूप में महिला दस्ते ने परेड में हिस्सा लिया, वहीं नौसेना के मार्चिंग दल में पहली बार तीन महिलाएं और पांच पुरुष अग्निवीर शामिल किए गए।
इस नौसेना दस्ते की परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट दिशा अमृत ने किया।
इसके अलावा सलामी मंच के सामने CRPF महिला दस्ते का नेतृत्व असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता ने किया।
झांकी
इस बार कर्तव्य पथ पर निकाली गईं 23 झांकियां
इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान विभिन्न राज्यों, विभागों और सशस्त्र बलों की 23 झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया।
कर्तव्य पथ पर आंध्र प्रदेश, असम ,लद्दाख, त्रिपुरा, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात की झांकियां निकाली गईं।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश की झांकी में दीपोत्सव और गुजरात की झांकी पर सौर ऊर्जा चलित गांव की झलक देखने को मिली।
पूर्वोत्तर राज्यों की झांकी में महिला और पुरुष पारंपरिक परिधान पहने लोकनृत्य करते दिखे।
आत्मनिर्भर भारत
हथियारों की प्रदर्शनी में आत्मनिर्भर भारत की दिखी झलक
गणतंत्र दिवस के परेड में इस बार आत्मनिर्भर भारत की झलक भी देखने को मिली। इस दौरान भारत में बने हथियारों का प्रदर्शन किया गया।
इनमें K-9 वज्र टैंक, MBT अर्जुन टैंक, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि अब हथियारों के निर्माण में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
ताकत
भारतीय सेना ने फ्लाई पास्ट से दिखाई ताकत
इस बार फ्लाई पास्ट में भारतीय सेना के 50 एयरक्राफ्ट्स ने हिस्सा लिया। इनमें राफेल, C-17, C-130, सुखोई-30 भी शामिल थे। इन एयरक्राफ्ट्स ने नेत्र, बजरंग, वर्टिकल चार्ली, ध्वज, रुद्र, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, गरुड़, अमृत और त्रिशूल फॉरमेशन में उड़ान भरी।
खास बात ये है कि नौसेना का इल्यूसिन IL-38 पहली और आखिरी बार परेड में शामिल हुआ।
इस एयरक्राफ्ट को 42 साल की सेवा के बाद नौसेना से हटाया जा रहा है।
रिकॉर्ड
डेयर डेविल्स ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान सिग्नल कॉर्प्स की डेयर डेविल्स टीम ने इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान कॉर्प्स के हवलदार सुजीद मोंडल ने 18 फीट ऊंची सीढ़ी लगाकर मोटरसाइकिल चलाई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में मोटरसाइकिल पर इतनी ऊंचाई वाली सीढ़ी लगाकर किसी ने सवारी नहीं की है।
सुजीद के अलावा लांस नायक अजय यादव ने मोटरसाइकिल पर 50 योग मुद्राएं दिखाईं और नायक स्वप्निल इस दौरान सूर्य नमस्कार करते दिखे।
सेरेमनी
'बीटिंग द रिट्रीट' सेरेमनी में होगा देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो
गणतंत्र दिवस के बाद अब 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी होनी है। इस सेरेमनी में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसमें 3,200 ड्रोन शामिल होंगे, जो शाम के वक्त रायसीना हिल्स पर उड़ान भरेंगे।
2022 में 1,000 ड्रोन ने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लिया था।
बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 17वीं सदी में ब्रिटेन से शुरू हुई थी और साल 1952 में यह परंपरा भारत आई थी।