विनेश फोगाट ने वापस किया खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार, कर्तव्य पथ पर छोड़कर लौटीं
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में जारी विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। साक्षी मलिक के संन्यास और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के ऐलान के अब विनेश फोगाट ने भी अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया। वह सम्मान लौटाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें विजय चौक से आगे नहीं जाने दिया। ऐसे में वह कर्तव्य पथ पर पुरस्कार छोड़कर चली गईं। उन्होंने गत मंगलवार को सम्मान लौटाने का ऐलान किया था।
कर्तव्य पथ पर पहुंचीं विनेश
प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
विनेश ने 26 दिसंबर को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार प्रधानमंत्री को वापस लौटाने का ऐलान किया था। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था, 'जब पहलवान न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो ऐसे में इस तरह के सम्मान हमारे लिए निरर्थक बन गए हैं।' बता दें कि विनेश को साल 2020 में भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा साल 2016 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।
विनेश ने पत्र में क्या लिखा था?
विनेश ने पत्र साझा करते हुए लिखा था, 'मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद।' उन्होंने पत्र में लिखा था, 'मुझे खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था, लेकिन अब इनका कोई मतलब नहीं रह गया है। मैं अपने पुरस्कार वापस करना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये हमारे लिए बोझ की तरह न रहें।'
विनेश का पत्र
क्या है पूरा मामला?
जनवरी में एक नाबालिग सहित 7 महिला पहलवानों ने तत्कालीन WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवानों जनवरी और अप्रैल में लंबा संघर्ष किया था। इस पर सरकार ने भरोसा दिलाया था कि बृजभूषण और उनके करीबी WFI में नहीं रहेंगे। उसके बाद भी 21 दिसंबर को हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। इससे पहलवानों में नाराजगी है।
पहलवानों ने इस तरह जताया था संजय सिंह के निर्वाचन का विरोध
संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले साक्षी ने विरोध जताते हुए संन्यास का ऐलान किया था। उसके एक दिन बाद ही पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी। इस बीच अध्यक्ष संजय सिंह ने इसी साल उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थिति नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 की राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं कराने की घोषणा कर दी। इससे विरोध और बढ़ गया।
सरकार ने नई कार्यकारिणी को निलंबित किया
संजय सिंह के प्रतियोगिता आयोजित करने के आदेश जारी करने के अगले ही दिन केंद्रीय खेल मंत्रालय ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए WFI की नवनिर्वाचित र्कायकारिणी को निलंबित कर दिया और उसके सभी आदेशों को निरस्त कर दिया था। इसके अलावा भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI का कामकाज संभालने के लिए एक अस्थायी तदर्थ समिति का गठन कर दिया था, लेकिन उसके बाद भी मामला थमता नजर नहीं आ रहा है।