साक्षी मलिक ने अपने करियर में हासिल की थी कई उपलब्धियां, जानिए कैसा रहा उनका सफर
क्या है खबर?
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष पद पर संजय सिंह के चुने जाने पर गत गुरुवार को संन्यास की घोषणा कर दी।
संजय पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगने पर मलिक सहित अन्य महिला पहलवानों ने लंबा संघर्ष किया था।
बकौल साक्षी संजय के अध्यक्ष बनने से महिला पहलवानों की स्थिति नहीं बदलेगी।
आइए साक्षी के करियर की उपलब्धियों पर नजर डालते हैं।
उपलब्धि
साक्षी ने 2010 में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में जीता था कांस्य पदक
साक्षी के करियर की पहली उपलब्धि 2009 एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतना था।
उसके बाद उन्होंने 2010 एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था।
इस दिग्गज पहलवान ने 2010 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा दिखाई थी।
साक्षी ने 59 किलोग्राम वर्ग में 2009 और 2010 में पदक जीते थे। उसके बाद वह 63 किलोग्राम भर वर्ग में चली गई थीं।
राष्ट्रमंडल
राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भी जीता रजत पदक
साक्षी ने साल 2014 में ग्लासगो में अपना पहला राष्ट्रमंडल खेल (CWG) पदक जीता था।
कई असाधारण मुकाबलों के बाद फाइनल में उन्हें नाइजीरिया की अमीनत अदेनियी से हार का सामना करना पड़ा था और आखिर में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
उन्होंने जोहानसबर्ग में 2013 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने 2014 के CWG में 58 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता था।
रिकॉर्ड
ओलंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान
साक्षी के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि 2016 के रियो ओलंपिक में आई थी। उस दौरान उन्होंने 58 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया था।
वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान बनी थीं और यह रिकॉर्ड आज भी कायम है।
साक्षी ने तत्कालीन एशियाई चैंपियन ऐसुलु टाइनीबेकोवा को 8-5 से हराया था। शुरुआत में वह मुकाबले में 5 अंक से पिछड़ रही थी, लेकिन बाद में उन्होंने बेहतरीन वापसी की थी।
अन्य
साक्षी ने 5 एशियाई चैम्पियनशिप पदक भी जीते
अनुभवी पहलवान साक्षी की उपलब्धियों में 5 एशियाई चैम्पियनशिप पदक जीतना भी शामिल है।
उनका पहला पदक टूर्नामेंट के 2015 के संस्करण में आया था। उस दौरान उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।
उसके बाद उन्होंने 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। इसी तरह 2018 और 2019 में महाद्वीपीय चैंपियनशिप में उन्होंने दाे और कांस्य पदक जीते थे।
आखिर में 2021 एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।
राष्ट्रमंडल
साक्षी ने राष्ट्रमंडल खेलों में 2 और पदक जीते
साक्षी ने ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता और फिर मल्टी-स्पोर्ट इवेंट के 2018 संस्करण में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
आखिरकार, साक्षी ने 2022 में बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया था।
उन्होंने फाइनल मुकाबले में एना गोंजालेज को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना लगातार तीसरा पदक जीता था।
उनकी सफलता ने महिलाओं को पहलवानी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया था।
सम्मान
साक्षी को 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया
साक्षी कुश्ती में एक राष्ट्रीय आइकन हैं और भारत सरकार ने खेल में उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
इसी तरह एक साल बाद ही उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कर दिया गया, जो भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।
हैरानी की बात यह है कि उन्होंने कभी अर्जुन पुरस्कार नहीं जीता क्योंकि उन्हें पहले ही खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका था।