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IPL 2020: डोप टेस्ट के लिए NADA के तीन अधिकारी जाएंगे UAE

IPL 2020: डोप टेस्ट के लिए NADA के तीन अधिकारी जाएंगे UAE

लेखन Neeraj Pandey
Aug 25, 2020
07:57 pm

क्या है खबर?

नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट करने का काम करती है। UAE में 19 सितंबर से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत होने वाली है और NADA ने भी इसके लिए अपनी कमर कस ली है। टूर्नामेंट के दौरान NADA के तीन सीनियर ऑफिशियल और पैनल के छह डोप कंट्रोल ऑफिसर (DCO) UAE में मौजूद होंगे। अभी यह साफ नहीं हो सका है वहां जाने का खर्च NADA अकेल उठाएगी या उन्हें मदद दी जाएगी।

बयान

UAE में होंगे NADA के नौ लोग- BCCI ऑफिशियल

हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक सीनियर BCCI ऑफिशियल ने PTI से कहा, "NADA के नौ लोग UAE में होंगे और यदि उन्हें अधिक लोगों की जरूरत पड़ी तो वे UAE की नेशनल डोपिंग आर्गेनाइजेशन की मदद भी लेंगे। यदि ऐसा होता है तो संरक्षक सैंपल कलेक्शन में मदद करेगा।" NADA के एक ऑफिशियल और दो DCO के साथ तीन टीमें बनेंगी जो तीनो अलग-अलग मैदानों में मौजूद होंगी। टीम में लोकल NADO स्टॉफ भी मौजूद होंगे।

NADA

NADA ने की है पांच डोप कंट्रोल स्टेशन बनाने की मांग

भारत में NADA कलेक्शन करने, सैंपल ले जाने और टेस्ट करने का पूरा खर्चा खुद उठाती है। इस बार टूर्नामेंट बाहर हो रहा है तो अभी यह साफ होना बाकी है कि क्या वे पूरा खर्च स्वयं उठाएंगे या उन्हें BCCI से मदद मिलेगी। NADA से BCCI से मैच खेले जाने वाले तीनों मैदानों और दोनों प्रैक्टिस फैसिलिटी पर पांच अलग-अलग डोप कंट्रोल स्टेशन (DCS) बनाने की मांग की है।

सैंपल

50 सैंपल लेने का है टार्गेट

NADA के करीबी सूत्रों के मुताबिक संस्था टूर्नामेंट के दौरान कम से कम 50 सैंपल लेने की कोशिश करेगी। भले ही सैंपल लेने की संख्या लिमिटेड है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि BCCI कुछ ब्लड सैंपल भी लेगी क्योंकि दुबई से WADA के दोहा लैब तक सैंपल ले जाना आसान होगा। भारत में कोरोना के कारण NADA के काम पर बुरा असर पड़ा है और UAE में उनके लिए काम करना आसान होगा।

NADA की कार्यशैली

इस तरह काम करती है NADA

NADA प्रतियोगिता के दौरान और बिना किसी प्रतियोगिता के दो तरह से एथलीट्स की टेस्टिंग करती है। टेस्टिंग के लिए यूरिन या फिर ब्लड सैंपल लिए जाते हैं। इसके लिए खिलाड़ियों का चयन करके उन्हें इसके बारे में बताया जाता है। NADA की स्थापना 2004 में हुई थी और यह वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के दिशा-निर्देशों पर काम करती है। प्रतियोगिता के बाहर होने वाली टेस्टिंग कभी भी की जा सकती है।