चाइनीज स्पॉन्सर्स से हो रही हमारी मदद, लेकिन सरकार ने कहा तो खत्म करेंगे करार- BCCI
क्या है खबर?
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चल रहा है और हाल ही में हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
ऐसे में देश में लगातार चाइनीज चीजों के बहिष्कार की मांग उठ रही है।
इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि चाइनीज स्पॉन्सर होने से देश को फायदा मिल रहा है, लेकिन सरकार ने कहा तो वे करार खत्म कर देंगे।
बयान
चीन की मदद करने और चीन से मदद लेने के अंतर को समझना होगा- धूमल
धूमल ने PTI से कहा कि लोग जब भावना में आ जाते हैं तो फिर सही चीज को भूल जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "हमें यह बात समझनी होगी कि चीन की मदद के लिए एक चाइनीज कंपनी को सपोर्ट करने और भारत की मदद के लिए चाइनीज कंपनी से सपोर्ट लेने में अंतर होता है।"
धूमल ने यह भी कहा कि कंपनियां ग्राहकों से जो पैसे ले रही हैं उसका कुछ हिस्सा हमें प्रमोशन के लिए मिलता है।
IPL टाइटल स्पॉन्सर
IPL के लिए एक साल के 440 करोड़ रूपये देती है वीवो
BCCI ने IPL के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो के साथ पांच साल का करार किया है जिसके अंतर्गत उन्हें सालाना 440 करोड़ रूपये मिलते हैं।
बोर्ड और वीवो का यह करार 2022 में समाप्त होगा। वीवो की तरह ही एक और चाइनीज कंपनी ओप्पो पिछले साल सितंबर तक भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर थी।
हालांकि, अब बेंगलुरु बेस्ट स्टार्टअप BYJU भारतीय टीम की स्पॉन्सर है और उन्होंने पिछले साल ही ओप्पो की जगह ली है।
टैक्स
चीन के पैसों से अपनी सरकार की कर रहे मदद- धूमल
धूमल ने आगे कहा कि प्रमोशन के लिए मिलने वाले पैसों पर बोर्ड भारत सरकार को 42 प्रतिशत टैक्स देती है और इससे भारत की ही मदद हो रही है।
उन्होंने कहा, "यदि वे IPL को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं तो वे पैसा वापस चीन ले जाएंगे। यदि वह पैसा यहीं रोक लिया जाए तो हमें इससे खुश होना चाहिए। हम उन पैसों से अपनी सरकार की मदद कर रहे हैं।"
सरकार का आदेश
"सरकार ने कहा तो तुरंत खत्म करेंगे चाइनीज कंपनी के साथ करार"
धूमल का कहना है कि भविष्य में वे स्टेडियम या अन्य कोई चीज बनाने के लिए किसी चाइनीज कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नहीं देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वीवो के साथ IPL का करार जारी रहेगा, लेकिन यदि सरकार ने कहा तो वे कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने में हिचकिचाएंगे नहीं।
धूमल ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा, "यदि सरकार चाइनीज सामानों या कंपनियों पर प्रतिबंध लगाती है तो हम खुशी-खुशी सरकार के साथ जाएंगे।"
IOA की प्रतिक्रिया
चाइनीज कंपनी के साथ करार खत्म करने को तैयार है इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन
वहीं सीमा पर हुई झड़प के बाद इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने चाइनीज सामानों और स्पॉन्सर्स का बहिष्कार करने की तैयारी कर ली है।
IOA के जनरल सेक्रेटरी राजीव मेहता ने बीते गुरुवार को PTI से कहा, "चाइनीज कंपनी Li Ning टोक्यो ओलंपिक तक हमारी किट पार्टनर है। हालांकि, देश सबसे पहले है और यदि सभी सदस्यों को लगता है तो हम इस करार को रद्द करने के लिए तैयार हैं।"