क्रिकेट में स्टंप माइक ऑन होना चाहिए या ऑफ? ICC से लेकर खिलाड़ियों ने दी राय
क्रिकेट जगत में 2019 विश्व कप से पहले स्टंप माइक चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, पिछले कुछ समय में स्टंप माइक ने जहां एकतरफ दर्शकों को खूब मनोरंजित किया है। वहीं दूसरी तरफ सबूत का भी काम किया है। हाल ही में दो घटनाओं में पाकिस्तान के कप्तान सरफराज़ अहमद और वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ शैनन गैब्रियल मैदान पर अपनी टिप्पणियों के कारण विवादों में फंस गये थे। उनकी टिप्पणियां स्टंप माइक के ज़रिये प्रसारित हो गयी थी।
2019 विश्व कप में स्टंप माइक हर समय ऑन रहना चाहिए- स्टीव एलवर्थी
इन घटनाओं के बाद सवाल खड़े हो गए थे कि मैच के दौरान स्टंप माइक ऑन होना चाहिए या नहीं। इसके बीच 2019 विश्व कप के निदेशक स्टीव एलवर्थी ने कहा कि वह चाहते हैं इंग्लैंड में होने वाले इस टूर्नामेंट में स्टंप माइक हर समय ऑन रहे। एलवर्थी ने Cricinfo से कहा, ''एक प्रशंसक के दृष्टिकोण से इन चीजों पर चर्चा होनी चाहिए और इन पर गौर किया जाना चाहिए। लोग अपने नायकों के अधिक करीब पहुंचना चाहते हैं।"
जानिए रूट और गैब्रियल के बीच क्या कुछ हुआ था
वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच में गैब्रियल ने रूट से कहा था, "आप मुझे देख कर क्यों स्माइल क्यों कर रहे हो, क्या तुम्हें लड़के पसंद हैं।" इस पर रूट ने गैब्रियल को जवाब देते हुए कहा था, "इसको इंसल्ट के तौर पर क्यों देखते हो। गे होना कोई बुरी बात नहीं।" इसके बाद ICC ने गैब्रियल को 4 मैचों के लिए बैन कर दिया था। लेकिन इससे स्टंप माइक को लेकर सवाल ज़रूर खड़े हो गए हैं।
जानिए क्या था सरफराज़ और फेहलुकवायो का मामला
पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे वनडे में अफ्रीका की पारी के दौरान यह पूरी घटना घटी थी। दरअसल, अफ्रीका की पारी के 37वें ओवर की तीसरी गेंद पर जब एंडिल फेहलुकवायो ने विकेट के पीछे एक रन लिया, तो सरफराज़ ने कहा, 'अबे काले! तेरी अम्मी आज कहां बैठी हैं? क्या पढ़वा कर आया है'। सरफराज़ की यह टिप्पणी स्टंप माइक में रिकॉर्ड हो गई थी, जिसके बाद उन्हें 4 मैच के लिए बैन कर दिया गया था।
कई बार दर्शकों को मनोरंजित भी करता है स्टंप माइक
कई बार स्टंप माइक दर्शकों को खूब मनोरंजित करता है। चाहे भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ की बात करें या धोनी अक्सर विकेट के पीछे कुछ न कुछ बोलते दिखते हैं। आप सभी ने ऑस्ट्रेलिया में पंत को बहुत कुछ बोलते सुना होगा। एक बेहद मज़ेदार था जब ऑस्ट्रेलिया के मार्कस हैरिस, पंत से कहते नज़र आए थे "विकेट पर खड़े होने से क्या मिलेगा, आउट हो जाओ शाम को पर्थ में बेहतरीन पार्टी होती है, तुम यहां क्या करोगे।"
मनोरंजन के साथ स्टंप माइक का दूसरा साइट भी है
मनोरंजन के साथ स्टंप माइक का फिलिप साइट भी है। कई बार खिलाड़ियों की आपस की लड़ाई भी इसमें पकड़ी जाती है। साथ ही कई बार खिलाड़ियों की अनसेवरी लैंग्वेज भी सामने आ जाती है। कभी ये सबूत का काम करता है, तो कभी मनोरंजन का। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या स्टंप माइक को ऑन रखना चाहिए या इसको ऑफ कर देना चाहिए। आइये जानते हैं कि इस पर खिलाड़ियों और ICC की राय क्या है।
स्टंप माइक ऑन होने का सपोर्ट में हैं ICC CEO डेव रिचर्डसन
रिचर्डसन ने कहा, "हम खिलाड़ियों को जो बताते हैं, वो यह है कि अगर आप कुछ ऐसा कहना चाहते हैं जो आप सुनना नहीं चाहते, तो न कहें। स्टंप्स माइक में एक वातावरण बनाने की क्षमता होती है, लेकिन कुछ बातचीत बहुत जानकारीपूर्ण होती है।"
जानिए स्टंप माइक को लेकर किसने क्या कहा
ट्रेवर बेलिस ने कहा, "नहीं, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं और मैं अपना विचार बदलने वाला नहीं हूं।" संजय मंजेकर ने कहा, "स्टंप माइक की वॉल्यूम को हर समय अप रखना, सुनिश्चित करेगा कि हमारा ध्यान लगातार क्रिकेट से दूर रहे। खेल के लिए ये अच्छा नहीं है।" रौनक कपूर ने कहा, "अगर नस्लीय या होमोफोबिक स्लर्स को स्टंप माइक द्वारा पकड़ा जाता है, तो ध्यान केंद्रित नहीं किया जाना चाहिए कि ये खराब व्यवहार में सुधार करेगा।"