पेरिस ओलंपिक 2024: मीराबाई चानू पदक से चूकीं, चौथे स्थान पर रही
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू 49 किलोग्राम में भार वर्ग में पदक नहीं जीत सकी हैं। उन्होंने कुल 199 किलोग्राम का भार उठाते हुए चौथा स्थान हासिल किया। वह 2 ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली भारोत्तोलक बनने से चूक गई हैं। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की होउ झिहुई ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ अपने नाम किया। आइए उनके प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
ऐसा रहा चानू का प्रदर्शन
चानू ने स्नैच के अपने पहले प्रयास में 85 किलो का वजन आसानी से उठाया। इसके बाद अपने दूसरे प्रयास में वह 88 किलो का वजन नहीं उठा सकी। स्नैच के अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 88 किलो को सफलतापूर्वक उठाया। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 111 किलोग्राम का अपना पहला असफल प्रयास किया। इसके बाद उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 111 को उठाने में सफलता हासिल की। अपने आखिरी कोशिश में वह 114 किलोग्राम नहीं उठा सकी।
इन खिलाड़ियों ने जीते पदक
झिहुई ने कुल 206 किलोग्राम भार उठाते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही झिहुई ने क्लीन एंड जर्क में 117 किलोग्राम उठाते हुए नया ओलंपिक रिकॉर्ड दर्ज किया। रोमानिया की मिहेला कैम्बेई ने 205 किलोग्राम का कुल भार उठाते हुए रजत पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा का कांस्य थाईलैंड की सुरोदचना खंबाओ ने 199 किलोग्राम के साथ जीता। वह चानू से नजदीकी अंतर से जीत गई।
टोक्यो ओलंपिक में चानू ने जीता था रजत
टोक्यो ओलंपिक में चानू ने रजत पदक जीता था। भारोत्तोलन में यह भारत का केवल दूसरा ओलंपिक पदक था। क्लीन एंड जर्क में चानू ने 115 किलोग्राम का भार उठाते हुए उम्दा प्रदर्शन किया था। उन्होंने कुल 202 किलोग्राम का भार उठाया था। बता दें कि चानू से पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। वह भारत की ओर से ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं थी।
उपलब्धियां भरा रहा है चानू का करियर
चानू का करियर उपलब्धियां भरा रहा है। वह 48 किलोग्राम भार वर्ग में विश्व चैंपियनशिप 2017 में स्वर्ण पदक जीत चुकी थी। इसके अलावा 2022 के विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक (49 किलोग्राम) जीता था। वह राष्ट्र्मंडल खेलों में 2 स्वर्ण (2018 और 2022 ) और 1 रजत पदक (2014) अपने नाम कर चुकी हैं। इनके अलावा उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप (2020 ) में भी एक कांस्य पदक जीता था।