मीरबाई चानू ने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीता रजत पदक, ओलंपिक चैंपियन को हराया
ओलंपिक पदक विजेता भारत की मीराबाई चानू ने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीत लिया है। उन्होंने बोगोटा में आयोजित हुई प्रतियोगिता में महिलाओं की 49 किलोग्राम भारवर्ग में कुल 200 किलोग्राम वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया। इस वर्ग का स्वर्ण चीन की जियांग हुइहुआ ने अपने नाम किया, वहीं कांस्य पदक भी चीन की होउ झिहुई ने हासिल किया। आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
चानू ने क्लीन एंड जर्क में उठाया 113 किलोग्राम
चानू ने स्नैच में 87 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 113 किलोग्राम उठाया। इस बीच उन्होंने दो असफल प्रयास भी किए। बता दें चानू ने क्लीन एंड जर्क में दूसरा सबसे बेहतर वजन उठाया। स्वर्ण पदक जीतने वाली हुइहुआ ने कुल 206 किलोग्राम दर्ज किया। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता झिहुई ने 198 किलोग्राम के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। विशेष रूप से झिहुई ने क्लीन एंड जर्क का अपना तीसरा प्रयास नहीं किया।
चानू का वर्ल्ड चैंपियनशिप में दूसरा पदक
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में चानू का यह दूसरा पदक है। इससे पहले वह 2017 में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। हालांकि, उस संस्करण में चीनी भारोत्तोलक मौजूद नहीं थे, जिसके चलते उनकी चुनौती कुछ आसान हुई थी। दरअसल, उस समय चीन को डोपिंग उल्लंघनों के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। बता दें चानू ने 2017 में उस प्रतियोगिता में रिकॉर्ड 194 किलोग्राम का कुल भार उठाया था।
चोट के बावजूद पदक जीती चानू
चानू का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 207 किलोग्राम (88 किलोग्राम + 119 किलोग्राम) है, जिससे वह काफी पीछे रह गई थी। मणिपुर की रहने वाली 28 वर्षीय चानू पिछले कुछ समय से स्नैच श्रेणी में 90 किलोग्राम के आंकड़े को पार करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, चानू फिलहाल कलाई की चोट से जूझ रही हैं और इसके बावजूद उन्होंने ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता को पीछे छोड़ते हुए रजत अपने नाम किया है।
टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच चुकी हैं चानू
चानू ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। 49 किलोग्राम भारवर्ग उन्होंने कुल 202 किलोग्राम का भार उठाया। स्नैच में 87 किलोग्राम उठाने के बाद क्लीन एंड जर्क में चानू ने 115 किलोग्राम का भार उठाया था। भारोत्तोलन में यह भारत का केवल दूसरा ओलंपिक पदक था। बता दें 2000 में सिडनी ओलंपिक में भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक हासिल किया था।