पेरिस ओलंपिक 2024: भारत ने जीता दूसरा पदक, मनु भाकर और सरबजोत ने दिलाया कांस्य
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अपना दूसरा पदक जीत लिया है। 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित निशानेबाजी स्पर्धा में मनु भाकर ने अपने जोड़ीदार सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक अपने नाम किया है। इस भारतीय जोड़ी कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में 16-10 से जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया। मनु एक ओलंपिक में 2 पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। इससे पहले उन्होंने एकल स्पर्धा का भी कांस्य पदक जीता था।
निशानेबाजी में भारत को मिला छठा पदक
भारत ने निशानेबाजी में इससे पहले कुल 5 ओलंपिक पदक जीते थे, जिसमें 1 स्वर्ण, 2 कांस्य और 2 रजत पदक शामिल थे। साल 2008 में स्वर्ण पदक किसी और ने नहीं बल्कि दिग्गज अभिनव बिंद्रा ने जीता था। अभिनव व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने थे। राज्यवर्धन सिंह (2004 में रजत), गगन नारंग (2012 में कांस्य), विजय कुमार (2012 में रजत) और मनु (2024 में कांस्य) निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाले अन्य खिलाड़ी हैं।
भारतीय जोड़ी ने कैसे जीता पदक?
भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन और ली वोन्हो की जोड़ी को 16-10 से हराया। भारत ने कुल 8 राउंड अपने नाम किए, जबकि कोरिया 5 राउंड में ही जीत हासिल कर पाई। इस स्पर्धा में पहले 16 अंक हासिल करने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है। इसके साथ ही भारत ने ओलंपिक में अपने पदकों की संख्या में भी इजाफा कर लिया है।
मनु के नाम दर्ज हुआ यह बड़ा रिकॉर्ड
इस पदक के साथ ही मनु के नाम बड़ा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वह स्वतंत्रत भारत में एक ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। हालांकि, 1900 में पेरिस में हुए ओलंपिक में नॉर्मन प्रिचर्ड ने 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में 2 रजत पदक पदक अपने नाम किए थे, लेकिन वह मूलत: ब्रिटिश थे और उस समय भारत आजाद नहीं हुआ था। ऐसे में मनु ने अब इतिहास रच दिया।
ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज
मनु ने इससे पहले 28 जुलाई को भारत के लिए पहला पदक जीता था। 22 वर्षीय महिला निशानेबाज 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में तीसरे स्थान पर रही थीं और कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। उस दौरान मनु ने 221.7 के स्कोर के साथ ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में भारत का 5वां और कुल मिलाकर 36वां पदक दिलाया था। इसके साथ मनु ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज भी बनी थीं।
मनु के बारे में जानिए
मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वालीं हैं। उनके पिता रामकिशन उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। इसलिए बचपन में वह बॉक्सिंग करने लगीं। एक दिन अभ्यास के दौरान मनु को आंख में चोट लग गई। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दिया। उन्होंने अपने स्कूल में निशानेबाजी शुरू की थी। साल 2016 में उन्हें उनके कोच जसपाल राणा का साथ मिला जो अभी भी उनके कोच हैं। उनकी मां डॉ. सुमेधा ने उनके लिए स्कूल की नौकरी छोड़ दी थी।
टोक्यो ओलंपिक में पदक से चूक गई थी मनु
टोक्यो ओलंपिक मनु क्वालिफाइंग राउंड से बाहर हो गईं थी। मैच के दौरान उनकी पिस्टल में खराबी आई, जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ा। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वे निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। वह पदक से चूकने के बाद रो पड़ी थीं।
किसान के बेटे हैं सरबजोत सिंह
सरबजोत हरियाणा के अंबाला के धीन गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता जतिंदर सिंह किसान और माता हरदीप कौर गृहिणी हैं। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की है। वे कोच अभिषेक राणा के अधीन प्रशिक्षण लेते हैं। सरबजोत की उम्र जब 12-13 साल की थी, तब समर कैंप के दौरान उन्होने कुछ बच्चों को एक अस्थायी रेंज में एयर गन चलाते देखा था। तब से उनका इस खेल को लेकर झुकाव हो गया था।
2019 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता था स्वर्ण
2019 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सरबजोत ने स्वर्ण पदक जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 239.6 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने मनु और सरबजोत को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दूसरे पदक पर मनु सरबजोत को बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हमारे निशानेबाज हमें गौरवान्वित करते रहेंगे! मनु और सरबजोत सिंह को ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई। इन दोनों के शानदार कौशल से भारत अविश्वसनीय रूप से प्रसन्न है। मनु के लिए यह उनका लगातार दूसरा ओलंपिक पदक है, जो उनकी निरंतर उत्कृष्टता और समर्पण को दर्शाता है।'