टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा 5 विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाजों पर एक नजर
भारतीय क्रिकेट टीम और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के बीच खेला गया पहला टेस्ट मैच रोहित शर्मा की टीम ने 280 रन से अपने नाम कर लिया। बांग्लादेश की दूसरी पारी में भारतीय दिग्गज रविचंद्रन अश्विन ने 5 विकेट हॉल और कुल 6 विकेट अपने नाम किए। यह उनके टेस्ट करियर का 37वां 5 विकेट हॉल रहा। आइए टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा 5 विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाजों पर एक नजर डाल लेते हैं।
मुथैया मुरलीधरन (67 बार)
इस सूची में पहले स्थान पर श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज मुथैया मुरलीधरन हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 67 बार 5 विकेट हॉल लिया था। उन्हें छोड़कर और कोई गेंदबाज 50 बार भी यह कारनामा नहीं कर पाया है। मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैच खेले थे। इसकी 230 पारियों में 22.72 की शानदार औसत के साथ 800 विकेट लेने में सफल रहे थे। उन्होंने 22 बार दोनों पारियों को मिलाकर 10 विकेट भी लिए थे।
रविचंद्रन अश्विन और शेन वॉर्न (37)
दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से अश्विन और शेन वॉर्न हैं। दोनों ने 37 बार 5 विकेट हॉल अपने नाम किए हैं। वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 टेस्ट मैच खेले थे। इस दौरान 25.41 की औसत से उन्होंने 708 विकेट झटके थे। उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर 10 बार 10 विकेट हासिल किए थे। अश्विन ने 101 टेस्ट में 23.70 की औसत से 522 विकेट लेने में सफल रहे हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 7/59 का रहा है।
रिचर्ड हैडली (36)
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने साल 1973 में पहला टेस्ट मुकाबला खेला था। आखिरी बार वह 1990 में खेलते हुए नजर आए थे। 86 टेस्ट में इस खिलाड़ी ने 36 बार 5 विकेट हॉल लिए थे। उन्होंने 22.29 की औसत से 431 विकेट अपने नाम किए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 9/52 विकेट का रहा था। हैडली ने दोनों पारियों को मिलाकर 9 बार 10 विकेट भी लिए थे।
अनिल कुंबले (35)
इस सूची में चौथे स्थान पर भारतीय टीम का एक और पूर्व दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले है। उन्होंने 1990 में अपना पहला टेस्ट मुकाबला खेला था और साल 2008 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने 132 मैच की 236 पारियों में 35 बार 5 विकेट हॉल लिए थे। उनके नाम 29.65 की औसत से 619 विकेट थे। कुंबले ने 8 बार दोनों पारियों को मिलाकर 10 विकेट अपने नाम किए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10/74 का रहा था।