टेस्ट क्रिकेट: एमए चिदंबरम स्टेडियम में ये रही हैं भारत की कुछ यादगार जीत
भारतीय क्रिकेट टीम और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के बीच 19 सितंबर से 2 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी। सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। यहां पर मेजबान टीम ने अब तक 15 टेस्ट मैच जीते हैं। इस बीच एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत की कुछ यादगार जीत के बारे में जानते हैं।
1952 में पहली बार चेन्नई में टेस्ट जीता था भारत
चेन्नई में भारत ने 1952 में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की थी। मेजबान टीम ने इंग्लैंड को पारी और 8 रन से हराया था। पहली पारी में इंग्लिश टीम 266 रन पर ढेर गई थी। पारी को समेटने में वीनू मांकड़ की अहम भूमिका रही, जिन्होंने 8 विकेट लिए थे। इसके बाद भारत ने पंकज रॉय और पॉली उमरीगर के शतकों की बदौलत 457/9 रन पर पारी घोषित की। इंग्लैंड दूसरी पारी में 183 रन पर ढेर हो गया।
जब नरेंद्र हिरवानी की फिरकी में फंसा था वेस्टइंडीज
साल 1988 में एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत ने वेस्टइंडीज को 255 रन से हराया था। उस मैच में पूर्व लेग स्पिनर नरेंद्र हिरवानी ने इतिहास रचा था। उन्होंने दोनों पारियों में 8-8 विकेट लिए (16/136) थे। वह आज भी इस प्रारूप में भारत के लिए एक टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं। उस मुकाबले में कपिल देव ने भारतीय टीम की पहली पारी के दौरान शतक लगाकर जीत में अपना योगदान दिया था।
2001 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज की अपने नाम
2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज 2 मैचों के बाद 1-1 से बराबरी पर थी। सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट चेन्नई में खेला गया। इस निर्णायक मुकाबले में भारत ने 2 विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की थी। उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम मैथ्यू हेडन के दोहरे शतक के बावजूद हार गई थी। भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में शतक लगाया और हरभजन सिंह ने कुल 15 विकेट लिए थे।
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ हासिल किया था 387 रन का लक्ष्य
भारत ने चेन्नई में 2008 की सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड को 6 विकेट से हराया था। उस मुकाबले में मेजबान टीम ने 387 रनों के विशाल लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया, जिसमें तेंदुलकर ने नाबाद शतक बनाया था। चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत से गौतम गंभीर (66) और वीरेंद्र सहवाग (83) की सलामी जोड़ी ने अच्छी शुरुआत दिलाई थी। आखिर में बचा हुआ काम तेंदुलकर (106*) और युवराज सिंह (85*) ने पूरा किया था।