भारत और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के बीच हुए बड़े विवादों पर एक नजर
भारतीय क्रिकेट टीम और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 19 सितंबर से होने जा रहा है। पहला टेस्ट मैच चेन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। दूसरा मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 27 सितंबर से शुरू होगा। दोनों टीमों के बीच कई रोमांचक मैच खेले गए हैं और इसके साथ बड़े विवाद भी हुए हैं। ऐसे में आइए बड़े विवादों पर एक नजर डाल लेते हैं।
जब धोनी ने मारी मुस्तफिजुर रहमान को टक्कर
भारतीय टीम साल 2015 में बांग्लादेश के दौरे पर गई थी। वनडे सीरीज के पहले मैच में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जोरदार टक्कर गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान से हो गई थी। रहमान बार-बार रन लेने के बीच में आ रहे थे। गुस्से में धोनी ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर से पहले रोहित शर्मा ने भी उन्हें चेतावनी दी थी। इसके बाद धोनी पर मैच फीस का 75 प्रतिशत और रहमान पर 50 प्रतिशत जुर्माना लगा था।
जब मुकाबले को बताया गया अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र
2015 वनडे विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ रोहित 90 रन बनाकर खेल रहे थे, तभी वह कैच दे बैठे। हालांकि, अंपायर इयान गोल्ड ने कमर के ऊपर की नो गेंद दी। बांग्लादेशी खिलाड़ी गुस्से में आ गए और विरोध जताया। दूसरी पारी में शिखर धवन ने महमुदुल्लाह का कैच पकड़ा। ऐसा प्रतीत हुआ कि कैच लेते समय उनका पैर सीमा रेखा पर लगा था। उस समय ढाका यूनिवर्सिटी में विरोध मार्च निकाला गया और इसे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र बताया गया।
जब भारतीय खिलाड़ियों की हुई बदनामी
साल 2015 में भारतीय टीम बांग्लादेश में वनडे सीरीज हारी थी। भारतीय टीम को 2-1 से हार मिली थी। मुस्तफिजुर उस सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज बने थे और 13 विकेट लेने में कामयाब रहे थे। इसके बाद बांग्लादेश के एक अखबार ने भारतीय खिलाड़ियों का आधा सिर मुंडवाते हुए तस्वीर शेयर की थी। मुस्तफिजुर हाथ में एक कटर लिए हुए थे। इसके अलावा 2016 में तस्कीन अहमद के हाथों में धोनी का कटा हुआ चेहरा दिखाया गया था।
आपस में लड़े हर्षित राणा और सौम्य सरकार
इमर्जिंग एशिया कप में भारत और बांग्लादेश का सेमीफाइनल मुकाबला हुआ था। भारतीय खिलाड़ी हर्षित राणा और सौम्य सरकार के बीच इस दौरान भयंकर लड़ाई हुई थी। सरकार ने यश ढुल का विकेट लेने के बाद जोरदार जश्न मनाया था। इसके बाद जब सरकार आउट हुए तो हर्षित ने वैसा ही किया। सरकार को ये बात अच्छी नहीं लगी और दोनों के बीच में नोक-झोंक हुई। अन्य खिलाड़ियों और अंपायर ने दोनों को अलग किया और फिर मामला शांत हुआ।