पुरुषों के प्रदर्शन को देखते हुए महिलाओं को नहीं मिल सकती बराबर सैलरी- अंजुम चोपड़ा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम और पुरुष टीम के खिलाड़ियों की सैलरी की तुलना अक्सर देखने को मिलती है। हालांकि, दोनों के खेल और उपलब्धियों में जमीन-आसमान का अंतर है। पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा ने भी इस अंतर को ध्यान में रखा है और कहा है कि महिलाओं का पुरुषों के बराबर सैलरी की उम्मीद रखना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल उन्हें टॉप महिला टीमों से अपनी तुलना करनी चाहिए।
महिला टीम ने अब तक नहीं जीता है विश्व कप- अंजुम
अंजुम ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि कैसे यह बहस का इतना बड़ा मुद्दा हो गया है क्योंकि हमें यह याद रखना चाहिए कि पुरुष टीम विश्व कप जीत चुकी है, लेकिन महिला टीम एक भी बार इस नहीं जीत सकी है।"
पुरुषों की बजाय बेस्ट महिला टीम से करनी चाहिए तुलना- अंजुम
अंजुम ने कहा कि सबसे पहले तो भारतीय महिला टीम को अपने जेंडर की बेस्ट टीम से अपनी तुलना करनी होगी और वह टीम ऑस्ट्रेलिया है। उन्होंने आगे कहा, "बेस्ट महिला टीम से तुलना करना पुरुष टीम से तुलना से कहीं बेहतर होगा। ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटर्स को उनके देश के पुरुष क्रिकेटर्स के बराबर ही सैलरी मिलती है, लेकिन उन्होंने विश्व कप और टी-20 विश्व कप खिताब जीतकर इसे सही भी साबित किया है।"
विश्व कप में दोनों टीमों का प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम सबस ज़्यादा बाद विश्व कप जीतने वाली टीम है। उन्होंने 1978, 1982, 1988, 1997, 2005 और 2013 में विश्व कप खिताब जीतने के साथ ही सबसे ज़्यादा पांच बार टी-20 विश्व कप का खिताब भी जीता है। भारतीय टीम दो बार विश्व कप का फाइनल गंवा चुकी है तो वहीं इस साल पहली बार टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने के बाद वहां भी उन्हें हार मिली थी।
महिला IPL के बारे में यह बोली अंजुम
अंजुम ने कहा कि वह हर उस टू्र्नामेंट या सीरीज़ के पक्ष में है जिससे महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, "महिला टीम इंटरनेशनल लेवल पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इसी कारण हम IPL के बारे में बात कर रहे हैं। हर वह चीज जिससे महिला क्रिकेट को मदद मिले मैं उसके पक्ष में हूं। ज़्यादा से ज़्यादा मैच खेलने की जरूरत है।" मिथाली राज ने अगले साल से महिला IPL की मांग की थी।
इस प्रकार है पुरुष और महिला क्रिकेटर्स का सैलरी गैप
भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेटर्स को मिलने वाले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को देखा जाए तो इसमें जमीन-आसमान का अंतर मिलेगा। पुरुष क्रिकेटर्स के A कैटेगिरी वाले खिलाड़ियों को पांच करोड़ रूपये सालाना मिलते हैं तो वहीं महिला क्रिकेट की A कैटेगिरी वाली क्रिकेटर को 50 लाख रूपये मिलते हैं। पुरुष क्रिकेट में सात करोड़ रूपये सालाना वाली A+ कैटेगिरी भी है। ग्रेड C में पुरुष खिलाड़ी को एक करोड़ तो महिला खिलाड़ी को 10 लाख रूपये मिलते हैं।