इस बार अपना टी-20 विश्वकप खिताब बचा सकती है वेस्टइंडीज, जानिए कारण
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम भले ही इस समय निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, लेकिन टी-20 क्रिकेट में वे दुनिया की सबसे खतरनाक टीम हैं। 2016 में वेस्टइंडीज दो बार टी-20 विश्वकप खिताब जीतने वाली पहली टीम बनी थी। उन्होंने 2012 में पहली बार टी-20 विश्वकप का खिताब जीता था। इस बार टी-20 विश्वकप होता है तो वेस्टइंडीज टीम फिर से जितने की हिम्मत रखती है। आइए समझने की कोशिश करते हैं आखिर क्यों और कैसे।
पोलार्ड की कप्तानी ने टीम में लाई है स्थिरता
पिछले साल अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज़ के लिए केरान पोलार्ड को लिमिटेड ओवर्स में टीम का कप्तान बनाया गया था। वेस्टइंडीज ने पोलार्ड की कप्तानी में लंबे समय बाद कोई वनडे सीरीज़ जीतने में सफलता पाई थी। पोलार्ड के पास टी-20 क्रिकेट का बहुत ज़्यादा अनुभव है और वह छोटे फॉर्मेट में टीम में स्थिरता लेकर आए हैं। IPL में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में उन्होंने अपनी कप्तानी का भी जलवा दिखाया है।
वेस्टइंडीज के पास है बेहतरीन बल्लेबाजी क्रम
वेस्टइंडीज के युवा खिलाड़ियों ने टीम की बल्लेबाजी क्रम में सही बैलेंस लाने का काम किया है। अब वेस्टइंडीज के बल्लेबाज हर गेंद को हवा में मारने की बजाय मौके की नजाकत के हिसाब से खेलना पसंद करते हैं। भारत के खिलाफ पिछले साल लेंडल सिमंस ने एक तरह से आक्रमण किया तो वहीं एविन लुईस ने उनका साथ दिया। टीम में आठ नंबर तक बल्लेबाजी करने की क्षमता मौजूद है।
अनुभवी ऑलराउंडर्स ने बढ़ाई है टीम की ताकत
वेस्टइंडीज के पास केरान पोलार्ड के अलावा ड्वेन ब्रावो और आंद्रे रसेल जैसे अनुभवी ऑलराउंडर हैं जो अकेले किसी मैच का परिणाम बदल सकते हैं। ब्रावो ने संन्यास से वापसी करते हुए श्रीलंका के खिलाफ सीरीज़ में हिस्सा लिया था तो वहीं रसेल की भी टीम में वापसी हो चुकी है। सुनील नरेन के रूप में उनके पास एक और बेहतरीन ऑलराउंडर है, लेकिन देखना होगा कि वह वापसी कर पाते हैं या नहीं।
हेटमायर और पूरन हो सकते हैं टीम के अहम खिलाड़ी
वेस्टइंडीज ने लंबे समय तक दिनेश रामदीन को विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में आजमाया है, लेकिन वह बल्लेबाजी में उतने असरदार नहीं रह सके हैं। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज निकोलस पूरन ने अपने छोटे से करियर में दिखा दिया है कि वह पहली गेंद से ही आक्रमण करने की क्षमता रखते हैं। शिमरान हेटमायर ऐसे बल्लेबाज हैं जो पारी को संभालने से लेकर कभी भी तेजी के साथ रन बना सकते हैं।
वेस्टइंडीज के पास है तेज गेंदबाजों की अच्छी फौज
वेस्टइंडीज ने पिछले कुछ सालों में अपनी तेज गेंदबाजी को काफी विकसित किया है। ओसेन थॉमस अपनी लंबाई का फायदा लेकर गति और उछाल दोनों हासिल करने में सफल रहते हैं। शेल्डन कोट्रेल ने लगातार दिखाया है कि वह शुरुआत में ही टीम को सफलता दिला सकते हैं। केसरिक विलियम्स भी काफी तेजी के साथ उभरे हैं तो वहीं अल्जारी जोसेफ ने भी टी-20 में अच्छा प्रदर्शन किया है।