इंटरनेशनल क्रिकेट में लिमिटेड ओवर और टेस्ट क्रिकेट में होने चाहिए अलग-अलग कोच- लेहमन
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमन को लगता है कि इंडियन क्रिकेट और विश्व की अन्य टीमों के लिए स्प्लिट-कोचिंग भविष्य हो सकता है। लेहमन को लगता है कि फॉर्मेट के हिसाब से जिम्मेदारियों को बांटकर कोचों को लंबे समय तक प्रभावी बनाए रखा जा सकता है। इंग्लैंड के पूर्व विश्वकप विजेता कोच ट्रेवर बेलिस के साथ BBC के ''Tuffers and Vaughan Show' पर बातचीत के दौरान लेहमन ने कहा कि कोच पर दबाव काफी ज़्यादा है।
200 दिन बाहर रहना काफी मुश्किल- लेहमन
लेहमन ने कहा कि अपने कोचों को लंबे समय तक सक्रिय बनाए रखने के लिए आपको उनके रोल बांटने होंगे। उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि भारत और यहां अब स्प्लिट कोचिंग के सात जाने का समय आ गया है। आप साल के 200 दिन बाहर नहीं रह सकते हैं। यह परिवार के लिए काफी ज़्यादा है और इससे एक अकेले कोच पर दबाव काफी बढ़ जाता है।"
फॉर्मेट के हिसाब से बांट सकते हैं जिम्मेदारी- लेहमन
50 वर्षीय लेहमन को लगता है कि फॉर्मेट के हिसाब से जिम्मेदारियों को बांटना बेहतरीन विधि हो सकती है। उन्होंने कहा, "यह शायद लिमिटेड ओवर्स या टेस्ट क्रिकेट हो सकती है। आपको देखना होगा कि यह कैसे काम करती है। मैं इसे बढ़ते हुए देख रहा हूं औक शायद एक स्टेज पर वे ग्राउंड पर खिलाड़ियों से बात करें, लेकिन यही आगे जाने का रास्ता है।"
दोबारा इंटरनेशनल टीम के कोच नहीं बनेंगे बेलिस
पिछले साल इंग्लैंड को पहला विश्वकप खिताब जिताने से पहले श्रीलंका के कोच रहने वाले बेलिस का कहना है कि वह दोबारा इंटरनेशनल टीम को कोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं 12 महीने परिवार से काफी दूर रहा और कुछ समय बाद इसका असर पड़ता ही है। मुझे मेरा मौका मिल गया और मैं उम्मीद करता हूं कि कोई और भी मेरा जितना लकी हो सके।"
वर्तमान समय के हिसाब से सही हैं लेहमन के विचार
टीमें जितना ज़्यादा क्रिकेट खेलती हैं उसको लेकर लेहमन की सलाह काफी हद तक सही लगती है। कोरोना वायरस ने क्रिकेट का काफी नुकसान किया है और क्रिकेट की वापसी पर यह भी देखना होगा कि किस तरह का कैलेंडर तैयार किया जाता है। दो कोचों के अलावा टेस्ट और लिमिटेड ओवर्स की दो अलग-अलग टीमें बनाकर साथ में ही दोनों टीमों के खेलने का विचार भी देखा जा सकता है।