भारत बनाम वेस्टइंडीज़: टी-20 सीरीज़ से भारतीय टीम को सीखने चाहिए ये सबक
भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ को भारतीय टीम ने 2-1 से अपने नाम कर लिया। इस सीरीज़ के पहले मैच में भारत ने टी-20 अंतर्राष्ट्रीय का अपना सबसे बड़ा रन चेज़ किया था, लेकिन दूसरा मुकाबला वेस्टइंडीज़ ने आसानी से जीत लिया था। इसके बाद तीसरे व निर्णायक मुकाबले को भारत ने 67 रनों से जीतकर सीरीज़ अपने नाम की। आइये जानें कि इस सीरीज़ से भारतीय टीम को क्या सबक लेने चाहिए।
केएल राहुल है टी-20 का स्पेशलिस्ट, वर्ल्ड कप में मत करना इग्नोर
इस सीरीज़ से पहले कई पूर्व दिग्गजों ने धवन की जगह केएल राहुल से टी-20 में ओपनिंग कराने की वकालत की थी। दिग्गजों का मानना था कि राहुल अगर रोहत के साथ ओपनिंग करेंगे, तो दोनों तरफ से विस्फोटक शुरुआत होगी। राहुल ने अपने प्रदर्शन से दिग्गजों की इस बात को सही भी ठहराया। इस सीरीज़ में राहुल ने क्रमश: 61, 11 और 91 रनों की पारियां खेली। ऐसे में भारतीय टीम को आगे भी इस पर अमल करना चाहिए।
टी-20 के लिए भी ज़रूरी हैं मोहम्मद शमी, दिखाना होगा भरोसा
वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीसरे टी-20 में लंबे अर्से बाद मोहम्मद शमी की इस फॉर्मेट में टीम में वापसी हुई। अब तक इस सीरीज़ में विस्फोटक शुरुआत करने वाली वेस्टइंडीज़ को शमी ने शुरुआत में ही बैकफुट पर ढ़केल दिया। शमी ने अपने कोटे के चार ओवर में 25 रन देकर दो विकेट लिए। टेस्ट में शानदार गेंदबाज़ी करने वाले शमी ने दिखा दिया की टी-20 में भी वह टीम के लिए कारगार साबित हो सकते हैं।
स्पिन विभाग को करना होगा मज़बूत, वर्ल्ड कप अभी नहीं है दूर
भारतीय स्पिनर्स इस सीरीज़ में सिर्फ आठ विकेट ही ले सके। कुलदीप और चहल ने जहां 10 से ज्यादा की इकॉनमी से रन लुटाए, वहीं सुंदर और जडेजा ने आठ से ज्यादा की इकॉनमी से रन खर्च कर दिए। भारतीय सरज़मीन पर स्पिनर्स का प्रदर्शन ऐसा है, तो ऑस्ट्रेलिया में क्या होगा। टी-20 वर्ल्ड कप अब ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए भारतीय टीम को अपना स्पिन विभाग मज़बूत करना होगा। 'कुलचा' को एकसाथ खिलाना फायदेमंद हो सकता है।
फील्डिंग में करना होगा सुधार, वर्ल्ड कप में नहीं ले सकते हैं चांस
क्रिकेट की एक पुरानी कहावत है, 'कैच मिस तो मैच मिस'। इस सीरीज़ में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन का कारण यही रहा। पहले मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने करीब चार कैच छोड़े, तो दूसरे टी-20 में भी सुंदर और पंत ने आसान मौके गवां दिए थे। इसके साथ ही इस सीरीज़ में कोहली और जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने भी खराब फील्डिंग की। विश्व कप से पहले भारत को फील्डिंग में सुधार करना होगा, क्योंकि वहां चांस नहीं ले सकते।