#HappyBirthdayYuvi: जन्मदिन पर जानिए युवराज के बड़े रिकॉर्ड्स और टॉप करियर मोमेंट्स
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। महान ऑलराउंडर्स में से एक माने जाने वाले युवराज ने भारत को टी-20 और वनडे विश्व कप जिताने में जो योगदान दिया है उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवराज ने कठिन गेंदबाजों का सामना किया, कैंसर से लड़े और सभी चुनौतियों से पार पाते हुए उन्होंने खेल के इतिहास में अपना नाम लिखवाया। उनके जन्मदिन पर हम एक नजर डाल रहे हैं उनके टॉप मोमेंट्स पर।
युवराज के शानदार करियर पर एक नजर
युवराज ने भारत के लिए खेले 304 वनडे मैचों में 36.55 की औसत और 14 शतकों की मदद से 8,701 रन बनाए हैं। वनडे में युवराज का सर्वोच्च स्कोर 150 है। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 58 टी-20 मैच खेले और 1,177 रन बनाए। टी-20 में उनका सर्वोच्च स्कोर 77* का है। उन्होंने 40 टेस्ट में 33.92 की औसत के साथ 1,900 रन बनाए। युवराज के नाम वनडे में 111 और टी-20 में 28 विकेट दर्ज हैं।
भारत को विश्व कप जिताने में युवराज ने दिया अहम योगदान
2011 क्रिकेट विश्व कप में युवराज ने नौ मैचों में एक शतक और चार अर्धशतकों की बदौलत 362 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 15 विकेट भी झटके और 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का अवार्ड अपने नाम किया। 2007 टी-20 विश्व कप में उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में छह छक्के लगा दिए थे। उन्होंने 12 गेंदों में पचासा लगा दिया था जो अब भी टी-20 में सबसे तेज फिफ्टी है।
युवराज के नाम हैं ये रिकॉर्ड्स
विश्व कप के एक मैच में पांच विकेट लेने और अर्धशतक लगाने वाले युवराज इकलौते खिलाड़ी हैं और उन्होंने यह कारनामा 2011 में आयरलैंड के खिलाफ किया था। युवराज ने अंडर-19, टी-20 और वनडे विश्व कप का खिताब जीता है। वह टी-20 में भारत के लिए दूसरे सबसे ज़्यादा (74) छक्के लगाने वाले बल्लेबाज हैं। वनडे में वह भारत के लिए पांचवें सबसे ज़्यादा (153) छक्के लगाने वाले बल्लेबाज भी हैं।
एक IPL सीजन में दो हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज
युवराज ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में 132 मुकाबले खेले हैं। उन्होंने इस लीग में 13 अर्धशतकों की मदद से 2,750 रन बनाए और अपने IPL सफर में कुल 149 छक्के लगाए। युवराज एक ही IPL सीजन में दो हैट्रिक हासिल करने वाले इकलौते गेंदबाज हैं। आपको बता दें कि उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद (2016) और मुंबई इंडियंस (2019) के साथ IPL खिताब जीता है।
कैंसर को मात देकर युवराज ने की वापसी
2011 में युवराज को सबसे गंभीर बीमारियों में से एक कैंसर से जूझना पड़ा था और इससे उनके फेफड़ों पर प्रभाव पड़ा था। युवराज की बीमारी को लेकर पूरा क्रिकेट जगत चिंतित था और फिर 2012 में वह इसके इलाज के लिए अमेरिका गए। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी बीमारी को मात दे दी और फिर दोबारा मैदान पर लौटकर आए। इस बीमारी से जूझ रहे बहुत से लोगों के लिए युवराज की कहानी प्रेरणा है।
खेल के महान खिलाड़ियों में से एक हैं युवी
युवराज इस खेल के महान खिलाड़ियों में से एक हैं और वह एक बड़े मैच विनर थे। उनकी मौजूदगी ने भारतीय टीम को उठाने का काम किया और उनके ऑलराउंड प्रदर्शन को हमेशा याद रखा जाएगा। फील्डर के रूप में उन्होंने स्टैंडर्ड उठाने का काम किया। उन्होंने अपने करियर में तमाम उपलब्धियां हासिल कीं और फील्ड हो या फील्ड के बाहर, हमेशा लड़ाके की तरह लड़े। हमारी तरफ से जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं, चैंपियन!