गांगुली और शाह का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची BCCI
बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल बढ़ाने के लिए BCCI ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, गांगुली जब BCCI अध्यक्ष बने थे तो उन्हें नौ महीनों का कार्यकाल दिया गया था जो इस साल जुलाई में समाप्त हो रहा है। इसके अलावा सेक्रेटरी जय शाह का भी कार्यकाल जून में समाप्त हो रहा है। BCCI इन दोनों का कार्यकाल बढ़ाना चाहती है।
CoA ने बनाया था तीन साल का कूलिंग पीरियड
कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर (CoA) ने नियम बनाया था कि स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन या BCCI में 3-3 साल के दो कार्यकाल पूरा कर चुके लोगों को तीन साल इन पदों से दूर रहना होगा। इस नियम को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सहमति दी थी। गांगुली पांच साल और तीन महीने तक क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष रह चुके हैं और इसी कारण उन्हें BCCI अध्यक्ष के रूप में नौ महीनों का कार्यकाल मिला है।
कूलिंग पीरियड को हटाना चाहती है BCCI
BCCI ने पिछले साल एक दिसंबर को हुई अपनी एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के दौरान तीन साल के इस कूलिंग पीरियड को समाप्त करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा BCCI अपने संविधान में भी कुछ बदलाव करना चाहती है, लेकिन इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसला का इंतजार करना होगा। AGM में कहा गया था कि यदि लगातार दो बार कोई अध्यक्ष या सेक्रेटरी बनता है तो उस पर कूलिंग पीरियड लागू होगा।
आपराधिक मुकदमे से जुड़े नियमों को भी बदलना चाहती है BCCI
CoA के नियमों के मुताबिक जिस व्यक्ति पर आपराधिक मुकदमा हो वह BCCI का सदस्य नहीं बन सकता है। हालांकि, BCCI इस नियम को भी संशोधित करना चाहती है। BCCI के मुताबिक केवल उन लोगों को ही बोर्ड का सदस्य बनने की अनुमति नहीं होगी जिन पर आपराधिक मुकदमा और वे तीन साल या उससे ज़्यादा का समय जेल में बिता चुके हों। बोर्ड का कहना है कि यह बदलाव जरूरी हैं।
BCCI अध्यक्ष बनने वाले केवल दूसरे भारतीय कप्तान हैं गांगुली
अक्टूबर 2019 में BCCI अध्यक्ष बनते ही गांगुली ने बड़ा कीर्तिमान बनाया था और 69 साल बाद कोई भारतीय टेस्ट कप्तान BCCI का अध्यक्ष बना था। BCCI के 39वें अध्यक्ष बनने वाले गांगुली से पहले आखिरी बार 1954 में महाराज कुमार BCCI अध्यक्ष बनने वाले भारतीय कप्तान थे। अब तक चार लोग BCCI के अंतरिम अध्यक्ष भी रह चुके हैं जिसमें सुनील गावस्कर और सीके खन्ना जैसे लोग शामिल हैं।