IPL और घरेलू सीजन दोनों के आयोजन में है अंतर, तुलना करना उचित नहीं- शाह
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अक्सर आलोचना का शिकार बनता रहता है और लोग आरोप लगाते हैं कि बोर्ड इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगे घरेलू सीजन को महत्व नहीं देती है। खास तौर से कोविड के माहौल में ये आरोप अधिक लगे हैं।
हालांकि, BCCI के सेक्रेटरी जय शाह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि दोनों चीजों के आयोजन में काफी ज्यादा अंतर है।
मामला
पिछले सीजन के बाद से आई हैं ऐसी टिप्पणियां
पिछले साल कोरोना के कारण क्रिकेट कैलेंडर प्रभावित हुआ था, लेकिन BCCI ने भारत से बाहर IPL का पूरा सीजन आयोजित किया था। पिछले साल रणजी ट्रॉफी नहीं खेली गई थी और भारत में मार्च के बाद किसी तरह का क्रिकेट नहीं हो सका था।
IPL के आयोजित होने और अन्य टूर्नामेंट्स को रद्द किए जाने के बाद बोर्ड पर आरोप लगे थे कि वे केवल अपनी टी-20 लीग पर ही ध्यान देते हैं।
बयान
तुलना करके टिप्पणी करना अनुचित- शाह
शाह ने कहा कि IPL और रणजी में तुलना करना अनुचित होगा क्योंकि दोनों के मैचों की संख्या और खिलाड़ियों की संख्या में काफी ज्यादा अंतर है।
उन्होंने कहा, "भारतीय घरेलू सीजन में 2,000 से अधिक मैच होते हैं तो वहीं IPL 60 मैचों की बात है। जितना बड़ा भारत का घरेलू क्रिकेट है उस हिसाब से कोरोना में इसे आयोजित कर पाना काफी कठिन चीज है।"
ऐज ग्रुप टूर्नामेंट
इस कारण नहीं हुआ था पिछले साल ऐज ग्रुप टूर्नामेंट
पिछले साल अंडर-16 और अंडर-19 टूर्नामेंट्स को रद्द कर दिया गया था और शाह ने इसका कारण भी बताया है।
उन्होंने कहा, "घरेलू सीजन को पूरा करने में अधिक समय और यात्रा की जरूरत होती है। खिलाड़ियों को जान दांव पर लगाना पड़ता और यह उचित नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में ऐज ग्रुप टूर्नामेंट्स आयोजित करके युवा क्रिकेटर्स की जान दांव पर लगाना सही निर्णय नहीं होता।"
घरेलू टूर्नामेंट
इस साल की शुरुआत में ही खेले गए थे दो घरेलू टूर्नामेंट
भले ही पिछले साल भारत में क्रिकेट नहीं खेली जा सकी थी, लेकिन बोर्ड ने इस साल की शुरुआत सैयद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी के साथ की थी। इसके बाद भारत और इंग्लैंड के बीच तीनों फॉर्मेट की सीरीज खेली गई थी।
IPL 2021 भी भारत में खेला जा रहा था, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर आने के कारण इसे बीच में ही रोकना पड़ा था।