राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े दिलचस्प तथ्य, जिन्हें आप जरूर जानना चाहेंगे
क्या है खबर?
2022 राष्ट्रमंडल खेल (CWG) की शुरुआत 28 जुलाई से बर्मिंघम में होनी है।
यह सिर्फ तीसरा ऐसा मौका होगा, जब इंग्लैंड में राष्ट्रमंडल खेल आयोजित होने हैं। इससे पहले 1934 में लंदन और 2002 में मैनचेस्टर में ये खेल सफलतापूर्वक आयोजित हुए थे।
दिलचस्प बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पहली बार इन खेलों का हिस्सा बने हैं।
इस बीच इन ऐतिहासिक खेलों से जुड़े रोचक तथ्यों पर नजर डालते हैं।
इतिहास
1930 में पहली बार हुआ आयोजन
जॉन एश्ले कूपर ने 1891 में सबसे पहले ऐसे खेल के आयोजन का सुझाव दिया था जिसे चार साल में एक बार कराया जाए।
उनका मानना था कि खेलों से आपसी सौहार्द बढ़ता है और लोग करीब आते हैं।
1930 में पहली बार खेलों का आयोजन हुआ जिसे ब्रिटिश एंपायर गेम्स के नाम से जाना गया। इसमें 11 देशों के 400 से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया था।
जानकारी
छह टीमों ने सभी संस्करणों में लिया है हिस्सा
1942 और 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण खेलों को रद्द कर दिया गया था।
केवल ऑकलैंड (1950, 1990) और एडिनबर्ग (1970, 1986) ने एक से अधिक बार खेलों की मेजबानी की है।
72 राष्ट्रों (CWG में भाग लेने वाली टीमों की वर्तमान संख्या) में से केवल ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स ने सभी संस्करणों में भाग लिया है।
भारत सिर्फ चार संस्करण (1930, 1950, 1962 और 1986) से चूक गया है।
पदक संख्या
ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं सर्वाधिक पदक
ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल खेलों में सर्वकालिक पदकों की तालिका में सबसे आगे है, जिसने 932 स्वर्ण, 775 रजत और 709 कांस्य पदक (कुल 2,416) जीते हैं।
इंग्लैंड (2,144) और कनाडा (1,555) इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के बाद आते हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में भारत चौथा सबसे अधिक पदक जीतने वाला देश है। भारत ने कुल मिलाकर इन खेलों में 503 पदक जीते हैं, जिसमें 181 स्वर्ण पदक शामिल हैं।
पहला पदक
पहली बार 1934 में भारत ने जीता पदक
ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल करने से पहले भारत ने अपना पहला CWG पदक जीता था।
इंग्लैंड में 1934 में आयोजित हुए दूसरे CWG संस्करण (1934) में, राशिद अनवर ने कुश्ती (वेल्टरवेट) में भारत को पहला पदक (कांस्य) जिताया था।
दिलचस्प बात यह है कि 1934 के खेलों में भारत के केवल छह एथलीटों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 17 राष्ट्रीय टीमों ने भाग लिया था।
भारत की भागीदारी केवल एथलेटिक्स और कुश्ती में थी।
पहला स्वर्ण
मिल्खा सिंह ने भारत को दिलाया पहला स्वर्ण
1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में महान धावक मिल्खा सिंह ने एक नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड (46.6 सेकंड) के साथ 400 मीटर में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
वह खेलों (ट्रैक एंड फील्ड) में स्वर्ण हासिल करने वाले पहले भारतीय बने थे।
मिल्खा 56 साल तक एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक (व्यक्तिगत स्पर्धा में) जीतने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष बने रहे। एथलेटिक्स में उनके बाद 2014 के संस्करण में डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था।
महिला क्रिकेट
पहली बार शामिल किया गया है महिला क्रिकेट
यह पहला मौका है जब राष्ट्रमंडल खेल में महिला क्रिकेट को शामिल किया गया है। इसके अलावा यह पहली बार होने जा रहा है, जब राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट टी-20 प्रारूप में खेला जाएगा।
बता दें 1998 में कुआलालंपुर में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट (पुरुष) को वनडे प्रारूप में खेला गया था और दक्षिण अफ्रीका ने इसका स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इसके बाद से सीधे क्रिकेट अब 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया है।
दिलचस्प तथ्य
राष्ट्रमंडल खेलों के कुछ दिलचस्प तथ्य
ऑस्ट्रेलियाई तैराक जेनी टरेल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनी हुई हैं। उन्होंने 13 साल की उम्र में ये कारनामा किया था।
विशेष रूप से इन खेलों में पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज भी एक ऑस्ट्रेलियाई (61 वर्षीय डोरोथी रोश, लॉन बॉलिंग में पदक) हैं।
रंजीत कुमार इन खेलों (2006) में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा-एथलीट थे।
1930 के पहले संस्करण में केवल 11 देशों ने भाग लिया था।